यमुना के आंदोलनकारियों को मनाने को सरकार ने मानी कई मांगें

नई दिल्ली [मुकेश केजरीवाल]। यमुना मुक्ति यात्रा के दबाव
में आखिरकार सरकार ने यमुना के समानांतर गंदे पानी के लिए अलग से नाला
बनाने की मांग मान ली है। आंदोलनकारियों के साथ मिलकर इसकी विस्तृत योजना
अगले दो महीने में तैयार भी कर ली जाएगी। साथ ही सरकार ने हथिनीकुंड बैराज
से छोड़े जा रहे पानी को भी बढ़ाने का भरोसा दिया है।

हालांकि सरकार ने अंतिम प्रस्ताव के लिए आंदोलनकारियों से एक दिन का और
समय मांगा गया है, जिस पर वे तैयार हो गए हैं। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री
जयंती नटराजन और जल संसाधन मंत्री हरीश रावत अंतिम प्रस्ताव के साथ मंगलवार
को आंदोलनकारियों के पास खुद पहुंचेंगे। राज्य सरकारों से संपर्क करने के
बाद लिखित रूप में सरकारी प्रस्ताव तैयार करने के लिए उन्होंने दोपहर 3:00
बजे तक का समय मांगा है।

माना जा रहा है कि आंदोलनकारियों को मनाने का नया फार्मूला संप्रग
अध्यक्ष सोनिया गांधी की सहमति से तैयार हुआ है। सोमवार देर रात हरीश रावत
और जयंती नटराजन ने यमुना मुक्तिकरण यात्रा के नेताओं से लंबी मुलाकात की।
इस दौरान उन्हें बताया कि केंद्र सरकार यमुना के समानांतर नाला बनाने की
मांग मानने को तैयार है। नाले का प्रारूप बनाने वाली समिति में तकनीकी
विशेषज्ञों और पर्यावरणविदों के साथ यमुना रक्षक दल के दो प्रतिनिधि भी
शामिल किए जाएंगे। समिति अपना प्रस्ताव दो माह के अंदर तैयार कर लेगी।
हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा जाने वाला पानी बढ़ाने की मांग पर फैसला मंगलवार
को हरियाणा सरकार के साथ बातचीत के बाद ही हो सकेगा।

बैठक में यमुना रक्षक दल के अध्यक्ष जय कृष्ण दास, संरक्षक स्वामी
नारायण दास और पंकज बाबा सहित आधा दर्जन लोग शामिल थे। इससे पहले रावत ने
दिल्ली, हरियाणा और यूपी के जल संसाधन मंत्रालय के प्रतिनिधियों के साथ
बैठक भी की। यह बैठक मंगलवार को भी जारी रहेगी। सरकार के प्रस्तावों पर
आंदोलनकारियों ने अंतिम फैसला नहीं किया है। दल के अध्यक्ष जयकृष्ण दास ने
कहा कि सरकार अगर मंगलवार दोपहर तक हमारी दोनों प्रमुख मांगें नहीं मानती
है तो हम संसद मार्च शुरू कर देंगे। इसी तरह दल के संरक्षक स्वामी नारायण
दास ने कहा कि यमुना नदी के लिए अगर केंद्र सरकार जरूरी कदम उठाती है तो
यात्रा को समाप्त करने पर विचार किया जा सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *