लखनऊ [जासं]। बेरोजगारी भत्ता योजना-2012 शुरू होने के साथ ही इसमें
खामियों की कलई खुलने लगी है। बेरोजगारी भत्ते से ज्यादा भत्ता वितरण में
पात्रों और अतिथियों की आवभगत और इंतजाम में खर्च किया जा रहा है। यह
चौंकाने वाले तथ्य सूचना अधिकार के तहत मिली जानकारी के बाद सामने आए हैं।
राजाजीपुरम निवासी उर्वशी शर्मा ने सूचना अधिकार अधिनियम-2005 का हवाला
देते हुए निदेशक प्रशिक्षण एवं सेवायोजन से बेरोजगारी भत्ते में वितरित की
गई रकम और उसके वितरण का ब्योरा मांगा था। 26 नवंबर 2012 को मांगी गई
सूचना के तहत शर्मा ने वित्त वर्ष 2012-13 में नवंबर माह तक भत्ता वितरण
एवं उसके वितरण में आने वाले खर्च की रकम के बारे में जानकारी चाही थी।
प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय की ओर से 14 फरवरी को दी गई सूचना के
मुताबिक भत्ते से ज्यादा की रकम उसके वितरण में खर्च कर दी गई है। उप
निदेशक सेवायोजन डी. प्रसाद द्वारा दी गई सूचना के मुताबिक 2012-13 में
नवंबर महीने तक 8 करोड़ 54 लाख 35 हजार रुपये बेरोजगारी भत्ता दिया गया। 15
मार्च 2012 से 14 नवंबर 2012 तक भत्ता वितरण के आयोजन में 12 करोड़ 49 लाख
38 हजार 370 रुपये खर्च आया। इस बारे में प्रमुख सचिव सेवायोजन शैलेश कृष्ण
से भी जानकारी करने का प्रयास किया गया, लेकिन वह फोन पर उपलब्ध नहीं हो
सके।