ढांचागत सुधारों के बगैर ग्रोथ खतरनाक : मूडीज


मूडीज की दलील – नीति निर्माताओं को इस भुलावे में नहीं रहना चाहिए कि महंगाई को भड़काए बगैर भी कोई इकोनॉमी 10% की दर से विकास कर सकती है

यह बयान क्यों – कुछ सरकारी नीति निर्माता खासकर आरबीआई गवर्नर डी. सुब्बाराव डबल-डिजिट ग्रोथ की वापसी पर विशेष जोर दे रहे हैं

पहले क्या हुआ था – भारत में दहाई अंकों वाली आर्थिक विकास दर
हासिल करने के लिए तीन साल पहले नीतियों को लंबे समय तक बहुत ज्यादा ढीला
रखा गया था। इसका नतीजा यह हुआ कि भारतीय इकोनॉमी ‘ओवरहीट%हो गई। फिर
महंगाई व चालू खाता घाटे की समस्याएं अत्यंत गंभीर हो गईं

 


कुछ नीति निर्माता भले ही फिर से दो अंकों (डबल-डिजिट) वाली आर्थिक
विकास दर को हासिल करने पर जोर दे रहे हों, लेकिन ‘मूडीज%इससे इत्तेफाक
नहीं रखती है। इस जानी-मानी अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी ने सरकार को आगाह
करते हुए कहा है कि बगैर आर्थिक सुधारों के 7 फीसदी से ज्यादा जीडीपी
वृद्धि दर खतरनाक साबित हो सकती है।

मूडीज का कहना है कि इन स्थितियों में महंगाई की आग भड़क जाएगी जिससे
भविष्य में और ज्यादा कष्टदायक समायोजन (एडजस्टमेंट) करने होंगे।

मूडीज की एक शाखा मूडीज एनालाइटिक्स ने कहा, ‘कुछ सरकारी नीति निर्माता
खासकर आरबीआई गवर्नर डी. सुब्बाराव डबल-डिजिट ग्रोथ की वापसी पर विशेष जोर
दे रहे हैं। यह कुछ ज्यादा ही आशावाद को दर्शाता है। यही नहीं, ढांचागत
सुधारों को और ज्यादा आगे बढ़ाए बगैर इस तरह के विचारों पर अमल खतरनाक
साबित होगा।

%गौरतलब है कि सुब्बाराव ने महज कुछ दिन पहले कहा था, ‘5-6 फीसदी की
जीडीपी वृद्धि दर देश की अर्थव्यवस्था के लिए पर्याप्त नहीं है। अगर कुछ
मसले सुलझा लिए जाएं तो भारतीय इकोनॉमी की विकास दर और भी ज्यादा सुधर कर
10 फीसदी का आंकड़ा भी छू सकती है। अगर सही कदम उठाए जाएं तो हम डबल-डिजिट
ग्रोथ के टै्रक पर फिर से चलने लगेंगे।’

मूडीज ने सरकार को आगाह करने वाले अपने अंदाज के पक्ष में तर्क भी पेश
किए हैं। मूडीज का कहना है, ‘भारत में दहाई अंकों वाली आर्थिक विकास दर को
हासिल करने के प्रयासों के तहत तीन साल पहले नीतियों को लंबे समय तक बहुत
ज्यादा ढीला रखा गया था।

इसका नतीजा यह हुआ कि भारतीय इकोनॉमी ‘ओवरहीट% हो गई। फिर इसी के चलते
महंगाई और चालू खाता घाटे की समस्याओं ने गंभीर रूप धारण कर लिया। मूडीज ने
साफ-साफ शब्दों में कहा है, ‘नीति निर्माताओं को इस भुलावे में नहीं रहना
चाहिए कि महंगाई को भड़काए बगैर भी कोई इकोनॉमी 10 फीसदी की दर से विकास कर
सकती है। दरअसल ऐसा कतई नहीं हो सकता।’

चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक विकास दर 5%रहने का अनुमान है।
वहीं, दूसरी ओर अगले वित्त वर्ष में देश की जीडीपी वृद्धि दर 6.1-6.7% रहने
की उम्मीद है। वित्त मंत्रालय ने यह अनुमान लगाया है। मूडीज का मानना है
कि वित्त 2012-13 में आर्थिक विकास दर 5.1% रहेगी। 2013-14 में वृद्धि दर
6.2% हो जाने का अनुमान मूडीज ने लगाया है।

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