जल्द 7 से 8 फीसदी होगी देश की आर्थिक विकास दर: PM


प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि विकास दर फिर से सात से
आठ फीसदी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि विपक्ष को सरकार के काम का मूल्यांकन
करते वक्त वस्तुनिष्ठ होना चाहिए। उन्होंने विपक्ष पर हमला करते हुए यह भी
कहा कि ईर्ष्यालू हर काम की निंदा करता है।
 
मनमोहन सिंह ने राज्यसभा में कहा कि मैं नेता विपक्ष अरुण जेटली की इस
बात से सहमत हूं कि गरीबी मिटाने के लिए सात से आठ फीसदी विकास दर की
जरूरत है। मैं सदन को याद दिलाना चाहता हूं कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन
(संप्रग) सरकार यही करना चाहती है।
 
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हो रही बहस का जवाब
देते हुए उन्होंने कहा कि नब्बे के दशक की शुरुआत में कांग्रेस सरकार ने
अर्थव्यवस्था को खोला और तेज औद्योगिक विकास के लिए आर्थिक सुधार के रास्ते
पर चली।
 
उन्होंने कहा कि श्रीमान जेटली को कृषि, विकास दर या औद्योगीकरण पर
संप्रग सरकार के काम का मूल्यांकन करने में अधिक वस्तुनिष्ठता का परिचय
देना चाहिए, क्योंकि संप्रग सरकार के रिकॉर्ड खुद बोलते हैं और हमें अधिक
विवरण में जाने की जरूरत नहीं।
 
सिंह ने कहा कि व्यक्ति में जब ईर्ष्या भरी होती है तो वह अच्छे या
बुरे हर काम की निंदा करता है। उन्होंने कहा कि जब से संप्रग सरकार सत्ता
में आई है विकास दर सर्वाधिक रही है और सिर्फ 2012-13 में ही यह पांच फीसदी
रहेगी।
 
उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि विकास दर फिर से उछल कर सात से आठ
फीसदी हो जाएगी। यदि नेता विपक्ष और सहयोगी शांति से विचार करें तो पाएंगे
कि हमारे द्वारा अपनाया गया रास्ता सही रास्ता है। उन्होंने कहा कि सरकार
किसानों के लिए जो भी सम्भव है कर रही है और पिछले कुछ सालों में कृषि
विकास दर बढ़ी है।

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