मुंबई । नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक
:कैग: द्वारा कृषि रिण माफी में गंभीर अनियमितताओं संबंधी रिपोर्ट पेश किए
जाने के बाद अब भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों से इस बारे में जानकारी मांगी
है।
रिजर्व बैंक ने बैंकों से 52,000 करोड़ रुपये की कृषि रिण माफी योजना में
अनियमितताआें पर जानकारी मांगी है। साथ ही उनसे वसूली गई राशि तथा इस मामले
में दर्ज एफआईआर का ब्यौरा मांगा है।
केंद्रीय बैंक की अधिसूचना में
कहा गया है कि बैंकों को प्रत्येक माह के सातवें कार्यदिवस को इस योजना के
बारे में जानकारी एक तय प्रारूप में उपलब्ध करानी होगी।
रिण माफी और
रिण राहत योजना 2008 के बारे में कैग की प्रदर्शन रिपोर्ट से संसद में काफी
हंगामा मचा। इसके चलते लोकसभा की कार्यवाही भी स्थगित करनी पड़ी।
संसद में कल पेश कैग की रिपोर्ट में 52,000 करोड़ रुपये की कृषि रिण माफी योजना में कई
खामियों का उल्लेख किया गया है। इसमें कहा गया है कि हजारों ऐसे लोगों को
इस योजना का लाभ मिला जो इसके पात्र नहीं थे, वहीं बहुत से ऐसे लोग लाभ से
वंचित रहे जो इसके पात्र थे।
इस बारे में जारी विवाद के बीच रिजर्व
बैंक ने बैंकों से रिण माफी योजना के बारे में जानकारी मांगी है। बैंकों से
उन लाभार्थियों का ब्यौरा मांगा गया है जो इसके पात्र नहीं थे। उन पात्र
लोगों का ब्यौरा मांगा गया है जिन्हें रिण नहीं दिया गया। सूक्ष्म वित्त
संस्थानों को दिए गए धन, रिकार्ड से छेड़छाड़ तथा ऐसे मामले जिनमें राहत
प्रमाणपत्र जारी नहीं किए गए हैं, का ब्यौरा मांगा गया है।
इसके अलावा
बैंकों से वसूली गई राशि, एफआईआर, जिम्मेदारी तय करना और कार्रवाई का
ब्यौरा भी मांगा गया है। बैंक द्वारा जिन मामलों में उचित कदम नहीं उठाया
गया, उन्हें उसकी वजह भी बताने को कहा गया है। (भाषा)
:कैग: द्वारा कृषि रिण माफी में गंभीर अनियमितताओं संबंधी रिपोर्ट पेश किए
जाने के बाद अब भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों से इस बारे में जानकारी मांगी
है।
रिजर्व बैंक ने बैंकों से 52,000 करोड़ रुपये की कृषि रिण माफी योजना में
अनियमितताआें पर जानकारी मांगी है। साथ ही उनसे वसूली गई राशि तथा इस मामले
में दर्ज एफआईआर का ब्यौरा मांगा है।
केंद्रीय बैंक की अधिसूचना में
कहा गया है कि बैंकों को प्रत्येक माह के सातवें कार्यदिवस को इस योजना के
बारे में जानकारी एक तय प्रारूप में उपलब्ध करानी होगी।
रिण माफी और
रिण राहत योजना 2008 के बारे में कैग की प्रदर्शन रिपोर्ट से संसद में काफी
हंगामा मचा। इसके चलते लोकसभा की कार्यवाही भी स्थगित करनी पड़ी।
संसद में कल पेश कैग की रिपोर्ट में 52,000 करोड़ रुपये की कृषि रिण माफी योजना में कई
खामियों का उल्लेख किया गया है। इसमें कहा गया है कि हजारों ऐसे लोगों को
इस योजना का लाभ मिला जो इसके पात्र नहीं थे, वहीं बहुत से ऐसे लोग लाभ से
वंचित रहे जो इसके पात्र थे।
इस बारे में जारी विवाद के बीच रिजर्व
बैंक ने बैंकों से रिण माफी योजना के बारे में जानकारी मांगी है। बैंकों से
उन लाभार्थियों का ब्यौरा मांगा गया है जो इसके पात्र नहीं थे। उन पात्र
लोगों का ब्यौरा मांगा गया है जिन्हें रिण नहीं दिया गया। सूक्ष्म वित्त
संस्थानों को दिए गए धन, रिकार्ड से छेड़छाड़ तथा ऐसे मामले जिनमें राहत
प्रमाणपत्र जारी नहीं किए गए हैं, का ब्यौरा मांगा गया है।
इसके अलावा
बैंकों से वसूली गई राशि, एफआईआर, जिम्मेदारी तय करना और कार्रवाई का
ब्यौरा भी मांगा गया है। बैंक द्वारा जिन मामलों में उचित कदम नहीं उठाया
गया, उन्हें उसकी वजह भी बताने को कहा गया है। (भाषा)