वाशिंगटन। भारत में ईधन पर दी जा रही भारी भरकम सब्सिडी गरीबों के बजाय
अमीरों को फायदा पहुंचा रही है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष [आइएमएफ] ने यह
राय जताई है। संगठन का कहना है कि इसकी वजह से सरकार के खर्च में बहुत
ज्यादा बढ़ोतरी हो रही है। सब्सिडी भले ही गरीबों को फायदा पहुंचाने के लिए
दी जा रही है मगर हकीकत में ऐसा हो नहीं रहा है।
मुद्रा कोष के एशिया-पैसिफिक विभाग की सहायक निदेशक लौरा पेपी ने एक
हालिया शोध का हवाला देते हुए कहा कि भारत की 40 फीसद जनता को फायदा
पहुंचाने के लिए कुल खर्च का दसवां हिस्सा सब्सिडी के रूप में किया जा रहा
है। इतनी धनराशि खर्च करने के बाद भी गरीबों को फायदा नहीं पहुंच रहा। यही
वह क्षेत्र है, जहां भारत को सबसे ज्यादा ध्यान देना चाहिए। सुधारों के
रास्ते पर बढ़ रहे भारत के लिए सबसे जरूरी है कि पैसा सही जगह खर्च किया
जाए।
अमेरिकी थिंक टैंक ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित सेमिनार द
स्टेट ऑफ द इंडियन इकोनॉमी: द बजट एंड बियॉन्ड में पेपी ने कहा कि भारत को
आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए ढांचागत और राजकोषीय सुधार लागू करने
चाहिए। सुधार का रास्ता न आसान है और न ही यह जल्द हासिल होने वाली चीज।
वैश्रि्वक आर्थिक संकट के गुजर जाने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से
आगे बढ़ी। मगर अब चीजें बदल रही हैं। सुधार अब पहले से ज्यादा मुश्किल
होगा। निवेश और जीडीपी को बढ़ाना होगा।