सूर्य नमस्कार पर विवाद के चलते बिहार सरकार ने स्कूलों में इसे
वैकल्पिक करने का आदेश दे दिया है। मुस्लिम संगठन स्कूलों में सूर्य
नमस्कार को जरूरी बनाये जाने का विरोध कर रहे थे। अब बिहार सरकार ने सभी
जिला शिक्षा अधिकारियों को नया सर्कुलर जारी कर दिया है, जिसके अनुसार
सूर्य नमस्कार वैकल्पिक हो गया है।
उल्लेखनीय है कि इस साल पूर देश
में स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती मनाई जा रही है। इसी के तहत सोमवार
को बिहार के सभी स्कूलों में चौथी से सातवीं कक्षा तक के बच्चों को सूर्य
नमस्कार करना है।
स्कूलों में सूर्य नमस्कार की अनिवार्यता से
इंकार करते हुये माध्यमिक शिक्षा निदेशक कमल किशोर सिन्हा ने कहा कि सोमवार
को सरकारी स्कूलों में प्रार्थना सत्र के बाद होने वाले सूर्य नमस्कार में
बच्चे अपनी इच्छा से भाग ले सकते हैं। इसके लिये उन पर कोई दबाव नहीं
होगा।
वहीं बिहार राज्य हज कमेटी के अध्यक्ष अनीसुर रहमान कासमी ने
बिहार सरकार के फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि मजहब को सरकारी
स्कूलों से नहीं जोड़ा जाना चाहिये। इससे बच्चों को नुकसान होता है।
इस
संबंध में शिक्षा मंत्री प्रशांत कुमार शाही ने पत्रकारों से कहा कि सरकार
ने स्कूलों में सूर्य नमस्कार को बच्चों के लिये अनिवार्य कराने संबंधी
कोई निर्देश जारी नहीं किया है। किसी संस्था का प्रार्थना पत्र शिक्षा
विभाग के पास आया था। उसे विभाग के लोगों ने जिलों में फॉरवर्ड कर दिया। इस
संबंध में भी सरकार ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है।
दूसरी तरफ पशु
एवं मत्सय संसाधन मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा सरकार की इच्छाशक्ति को
कमजोर करार दिया। उन्होंने कहा कि हर बात को वोट से जोड़कर नहीं देखना
चाहिए। हर फैसला वोट के लिए नहीं किया जाता। यह विषय धर्म से नहीं, बल्कि
बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़ा है। इसके बगैर स्वस्थ बिहार की कल्पना करने
में मुश्किलें आएंगी।
वैकल्पिक करने का आदेश दे दिया है। मुस्लिम संगठन स्कूलों में सूर्य
नमस्कार को जरूरी बनाये जाने का विरोध कर रहे थे। अब बिहार सरकार ने सभी
जिला शिक्षा अधिकारियों को नया सर्कुलर जारी कर दिया है, जिसके अनुसार
सूर्य नमस्कार वैकल्पिक हो गया है।
उल्लेखनीय है कि इस साल पूर देश
में स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती मनाई जा रही है। इसी के तहत सोमवार
को बिहार के सभी स्कूलों में चौथी से सातवीं कक्षा तक के बच्चों को सूर्य
नमस्कार करना है।
स्कूलों में सूर्य नमस्कार की अनिवार्यता से
इंकार करते हुये माध्यमिक शिक्षा निदेशक कमल किशोर सिन्हा ने कहा कि सोमवार
को सरकारी स्कूलों में प्रार्थना सत्र के बाद होने वाले सूर्य नमस्कार में
बच्चे अपनी इच्छा से भाग ले सकते हैं। इसके लिये उन पर कोई दबाव नहीं
होगा।
वहीं बिहार राज्य हज कमेटी के अध्यक्ष अनीसुर रहमान कासमी ने
बिहार सरकार के फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि मजहब को सरकारी
स्कूलों से नहीं जोड़ा जाना चाहिये। इससे बच्चों को नुकसान होता है।
इस
संबंध में शिक्षा मंत्री प्रशांत कुमार शाही ने पत्रकारों से कहा कि सरकार
ने स्कूलों में सूर्य नमस्कार को बच्चों के लिये अनिवार्य कराने संबंधी
कोई निर्देश जारी नहीं किया है। किसी संस्था का प्रार्थना पत्र शिक्षा
विभाग के पास आया था। उसे विभाग के लोगों ने जिलों में फॉरवर्ड कर दिया। इस
संबंध में भी सरकार ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है।
दूसरी तरफ पशु
एवं मत्सय संसाधन मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा सरकार की इच्छाशक्ति को
कमजोर करार दिया। उन्होंने कहा कि हर बात को वोट से जोड़कर नहीं देखना
चाहिए। हर फैसला वोट के लिए नहीं किया जाता। यह विषय धर्म से नहीं, बल्कि
बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़ा है। इसके बगैर स्वस्थ बिहार की कल्पना करने
में मुश्किलें आएंगी।