लेखा (अकाउंट) पुस्तिका
ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद तीनों स्तर की पंचायतों को अपनी
आमदनी और खर्च का ब्यौरा एक पुस्तिका में रखना जरूरी है. इस पुस्तिका को
लेखा पुस्तिका या अकाउंट बुक कहते हैं.
पत्रों की संख्या को प्रमाणित करना
उपयोग में लाने से पहले लेखा-पुस्तिका को जिल्द में बाधा जाना होता है और
उसके हरेक पत्रे पर पेज संख्या लिखना जरूरी होता है. ग्राम पंचायतों एवं
पंचायत समिति की लेखा पुस्तिका के पत्रों की संख्या बीडीओ या उसके द्वारा
तय किया गया कोई अधिकारी पुस्तिका के पहले पेज पर लिखेगा और प्रमाणित
करेगा. जिला परिषद में यह काम मुख्य कार्यपालक अधिकारी करेंगे. ऐसा इसलिए
किया जाता है कि कोई बीच से पत्रा नहीं निकाल ले. इससे घोटाले-घपले की
आशंका कम हो जाती है.
सुधार तथा बदलाव
अगर लेखा में कोई सुधार करना हो तो वह हमेशा साफ सुथरे तरीके से लाल
स्याही से किया जायेगा और सुधार करने वाला इसे अभिप्रमाणित करेगा.