नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। आम आदमी की रसोई से जुड़े
उत्पादों के दाम भले बाजार में आसमान छू रहे हैं, लेकिन सरकारी आंकड़ों में
लगातार चौथे महीने महंगाई की दर में कमी दर्ज की गई है। थोक मूल्यों वाली
महंगाई की दर जनवरी में घटकर 6.62 प्रतिशत पर आ गई है। वहीं, प्याज और आलू
समेत खाने-पीने की सभी जरूरी चीजों के दामों में तेजी बनी हुई है।
थोक मूल्यों पर आधारित सामान्य महंगाई की दर में अक्टूबर, 2012 से ही
गिरावट का क्रम बना हुआ है। अलबत्ता यह अलग बात है कि खाद्य उत्पादों की
महंगाई खासतौर पर खुदरा मूल्यों पर आधारित मुद्रास्फीति दर अभी भी दहाई के
पार चल रही है। थोक महंगाई की दर के आंकड़ों से साफ है कि इसमें कमी की मूल
वजह मैन्यूफैक्चर्ड सामान की कीमतों में कमी है। जानकार मानते हैं कि
अर्थव्यवस्था की सुस्ती की वजह से सामान्य तौर पर मांग में कमी आई है,
जिसका असर इन वस्तुओं के दामों पर भी हुआ है।
इसके विपरीत जनवरी में प्याज, आलू, अन्य सब्जियों और तिलहन जैसे खाद्य
उत्पादों के दाम में तेजी बनी रही। इस पर प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार
परिषद के चेयरमैन सी रंगराजन ने कहा कि थोक मूल्यों वाली महंगाई दर के
मार्च की समाप्ति तक 6.5 प्रतिशत तक नीचे आ जाने की उम्मीद है। अलबत्ता
उन्होंने माना कि खुदरा कीमतों वाली महंगाई अभी भी चिंताजनक स्तर पर है।
सरकार को बाजार में खाद्य उत्पादों की सप्लाई बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए।
जनवरी में खुदरा महंगाई की दर 10.79 प्रतिशत पर रही है।
सामान्य महंगाई की दर में अलग-अलग श्रेणी के लिहाज से खाद्य उत्पादों के
सूचकांक में सर्वाधिक वृद्धि हुई। खाद्य उत्पादों और प्राथमिक उत्पादों के
वर्ग की महंगाई दर बीते माह 11.88 प्रतिशत रही। इस दौरान ईधन की कीमतों से
जुड़ी महंगाई की दर में 7.06 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। इस हफ्ते अगर पेट्रोल
व डीजल के दामों में वृद्धि होती है तो इसका असर फरवरी की महंगाई दर में
दिखेगा।