आरिफ हुसैनी, जौनपुर। अंकल जी मेरी जान बचा लीजिए। भैया मेरी जान की खातिर
आप लोग मेरी मदद करिए। यह करुण पुकार हैं जौनपुर जिले के एक मासूम बच्चे
की।
साजन मिश्र नाम के इस 11 साल के बच्चे के सिर से बाप का साया बचपन में ही
उठ गया था। उसके बाद इसे लाइलाज बीमारी रक्त कैंसर ने अपने आगोश में ले
लिया। इसके परिवार वाले खाने को मोहताज हैं। ऐसे में इसका इलाज कैसे संभव
है। अब यह बच्चा अपनी जान बचाने के लिए खुद जनता से अपील कर रहा है।
जौनपुर
जिले के टीडी इंटर कालेज के शिक्षकों और छात्रों को अपनी मेडिकल रिपोर्ट
दिखा रहा यह मासूम बच्चा साजन मिश्र है। यह इसी जिले के सरपतहां थाना
क्षेत्र के जगदीशपुर गांव का रहने वाला है। इसके पिता रामशेखर मिश्र की
बीमारी के कारण आठ साल पहले मौत हो गई थी। उस समय बच्चे की उम्र तीन साल के
आसपास रही होगी। जब यह कुछ बढ़ने लगा, तो इसे भी बीमारी ने अपने आगोश में ले लिया। मां सोचती थी कि मामूली
बुखार होगा। वह गांव के ही डाक्टरों से इलाज करती रही। लेकिन कोई फायदा नही
हुआ।
परिवार वालों ने इसे जौनपुर और इलाहाबाद के डाक्टरों को दिखाया।
फिर भी कोई फायदा नहीं हुआ। जब इसके चाचा ने पीजीआई लखनऊ में दिखाया, तो
उसे ब्लड कैंसर की बीमारी निकली। गरीब परिवार का होने के कारण वह इलाज नही
करा सकते थे। परिवार वाले स्थानीय विधायक शैलेंद्र यादव ललई के पास गए।
विधायक ने इलाज के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से 75 हजार रुपए दिलवा दिए।
लेकिन इस गंभीर बीमारी के लिए यह रकम काफी नहीं। डाक्टरों के अनुसार इलाज
में लाखों रुपए खर्च होंगे। अब यह बच्चा लोगों के बीच जाकर अपनी जिंदगी
बचाने की भीख मांग रहा है। साजन मिश्र की हालत को देखते हुए कालेज के
शिक्षकों ने आर्थिक सहायता देते हुए आम नगारिकों से अपील की है कि इसकी जान
बचाने के लिए आगे आएं।
आप लोग मेरी मदद करिए। यह करुण पुकार हैं जौनपुर जिले के एक मासूम बच्चे
की।
साजन मिश्र नाम के इस 11 साल के बच्चे के सिर से बाप का साया बचपन में ही
उठ गया था। उसके बाद इसे लाइलाज बीमारी रक्त कैंसर ने अपने आगोश में ले
लिया। इसके परिवार वाले खाने को मोहताज हैं। ऐसे में इसका इलाज कैसे संभव
है। अब यह बच्चा अपनी जान बचाने के लिए खुद जनता से अपील कर रहा है।
जौनपुर
जिले के टीडी इंटर कालेज के शिक्षकों और छात्रों को अपनी मेडिकल रिपोर्ट
दिखा रहा यह मासूम बच्चा साजन मिश्र है। यह इसी जिले के सरपतहां थाना
क्षेत्र के जगदीशपुर गांव का रहने वाला है। इसके पिता रामशेखर मिश्र की
बीमारी के कारण आठ साल पहले मौत हो गई थी। उस समय बच्चे की उम्र तीन साल के
आसपास रही होगी। जब यह कुछ बढ़ने लगा, तो इसे भी बीमारी ने अपने आगोश में ले लिया। मां सोचती थी कि मामूली
बुखार होगा। वह गांव के ही डाक्टरों से इलाज करती रही। लेकिन कोई फायदा नही
हुआ।
परिवार वालों ने इसे जौनपुर और इलाहाबाद के डाक्टरों को दिखाया।
फिर भी कोई फायदा नहीं हुआ। जब इसके चाचा ने पीजीआई लखनऊ में दिखाया, तो
उसे ब्लड कैंसर की बीमारी निकली। गरीब परिवार का होने के कारण वह इलाज नही
करा सकते थे। परिवार वाले स्थानीय विधायक शैलेंद्र यादव ललई के पास गए।
विधायक ने इलाज के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से 75 हजार रुपए दिलवा दिए।
लेकिन इस गंभीर बीमारी के लिए यह रकम काफी नहीं। डाक्टरों के अनुसार इलाज
में लाखों रुपए खर्च होंगे। अब यह बच्चा लोगों के बीच जाकर अपनी जिंदगी
बचाने की भीख मांग रहा है। साजन मिश्र की हालत को देखते हुए कालेज के
शिक्षकों ने आर्थिक सहायता देते हुए आम नगारिकों से अपील की है कि इसकी जान
बचाने के लिए आगे आएं।