जल संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करने के नाम पर हरियाणा के तीन
सर्किलों में 65 लाख रुपये का घोटाला हुआ है। सरकार अब 10 एक्सईएन को
चार्जशीट करने और नौ ठेकेदारों को ब्लैक लिस्ट करने की तैयारी में है।
अधिकारियों ने इस घोटाले की जानकारी जनस्वास्थ्य मंत्री किरण चौधरी से
छिपाई है। सोमवार को उनको अमर उजाला से घोटाले की जानकारी मिली तो हैरान रह
गईं।
जनस्वास्थ्य विभाग के आंतरिक विजिलेंस के अधीक्षण अभियंता को 9
जनवरी को जांच के लिए कहा गया। उन्होंने पलवल, रेवाड़ी और भिवानी सर्किल
की अपनी जांच रिपोर्ट एक पखवाड़े में तैयार कर सौंप दी।
महकमे के
प्रमुख अभियंता एसके बंसल ने जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रधान सचिव सरबण
सिंह को 30 जनवरी को रिपोर्ट भेजी। इसमें लिखा गया है कि करीब 65 लाख रुपये
की अदायगी ज्यादा की गई। इसमें से 44.41 लाख रुपये की पेमेंट हो चुकी है
और 21.08 लाख रुपये की पेमेंट अभी होनी है। विभाग ने यह पेमेंट रोक ली है।
इनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश
उन्होंने
सरकार से एक्सईएन एमएस राणा, विजय सिंह, मदन लाल, डीके गंभीर, ललित
अरोड़ा, कर्म चंद, दलीप सिंह श्योराण, श्रीकृष्ण दहिया, फैसल इब्राहिम के
खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की सिफारिश की है। जो पेमेंट ज्यादा की
गई है उसकी वसूली 15 दिनों में ठेकेदारों से करने की सिफारिश की है।
ठेकेदार अगर यह पेमेंट वापस न करें तो सभी दस एक्सईएन से यह रकम वसूलने को
कहा है।
पानी बचाओ मुहिम का काम करने वाले नौ ठेकेदारों को तीन साल
के लिए ब्लैक लिस्ट कर दिया जाए। इससे पहले प्रमुख अभियंता ने इस मामले की
स्टेट विजिलेंस ब्यूरो से जांच कराने की सिफारिश की थी, जिसे प्रधान सचिव
सरबण सिंह ने मना कर दिया था और विभागीय सतर्कता से जांच कराने का हुकम
दिया था।
सर्किलों में 65 लाख रुपये का घोटाला हुआ है। सरकार अब 10 एक्सईएन को
चार्जशीट करने और नौ ठेकेदारों को ब्लैक लिस्ट करने की तैयारी में है।
अधिकारियों ने इस घोटाले की जानकारी जनस्वास्थ्य मंत्री किरण चौधरी से
छिपाई है। सोमवार को उनको अमर उजाला से घोटाले की जानकारी मिली तो हैरान रह
गईं।
जनस्वास्थ्य विभाग के आंतरिक विजिलेंस के अधीक्षण अभियंता को 9
जनवरी को जांच के लिए कहा गया। उन्होंने पलवल, रेवाड़ी और भिवानी सर्किल
की अपनी जांच रिपोर्ट एक पखवाड़े में तैयार कर सौंप दी।
महकमे के
प्रमुख अभियंता एसके बंसल ने जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रधान सचिव सरबण
सिंह को 30 जनवरी को रिपोर्ट भेजी। इसमें लिखा गया है कि करीब 65 लाख रुपये
की अदायगी ज्यादा की गई। इसमें से 44.41 लाख रुपये की पेमेंट हो चुकी है
और 21.08 लाख रुपये की पेमेंट अभी होनी है। विभाग ने यह पेमेंट रोक ली है।
इनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश
उन्होंने
सरकार से एक्सईएन एमएस राणा, विजय सिंह, मदन लाल, डीके गंभीर, ललित
अरोड़ा, कर्म चंद, दलीप सिंह श्योराण, श्रीकृष्ण दहिया, फैसल इब्राहिम के
खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की सिफारिश की है। जो पेमेंट ज्यादा की
गई है उसकी वसूली 15 दिनों में ठेकेदारों से करने की सिफारिश की है।
ठेकेदार अगर यह पेमेंट वापस न करें तो सभी दस एक्सईएन से यह रकम वसूलने को
कहा है।
पानी बचाओ मुहिम का काम करने वाले नौ ठेकेदारों को तीन साल
के लिए ब्लैक लिस्ट कर दिया जाए। इससे पहले प्रमुख अभियंता ने इस मामले की
स्टेट विजिलेंस ब्यूरो से जांच कराने की सिफारिश की थी, जिसे प्रधान सचिव
सरबण सिंह ने मना कर दिया था और विभागीय सतर्कता से जांच कराने का हुकम
दिया था।