सावधान! कहीं विकलांग न बना दे भूजल- विजय गुप्ता

हड्डियों और दांतो को कमजोर करने वाला फ्लोराइड अब देश के कई भागों
में खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। कई राज्यों में भूजल में फ्लोराइड की
मात्रा तेजी से बढ़ रही है। केंद्रीय भूजल बोर्ड के सर्वे में ऐसे कई
पॉकेटों का पता चला है, जहां भूजल में फ्लोराइड की मात्रा शरीर को नुकसान
पहुंचाने वाले स्तर तक पहुंच गई है।


तेरह राज्यों के 28 जिलों में
किए गए सर्वे में लगभग सभी जिलों में फ्लोराइड की मात्रा तय मानक से अधिक
पाई गई। इन राज्यों में पंजाब, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, झारखंड,
हरियाणा और गुजरात के जिले शामिल हैं।


जल संसाधन मंत्रालय के वरिष्ठ
वैज्ञानिक एके सिंह ने बताया कि एक लीटर पानी में जब फ्लोराइड 0.8 मिग्रा
से 1.2 मिग्रा तक होती है तो यह दांतों के क्षरण को कम करता है और हड्डी के
ढांचे को मजबूत बनाता है, लेकिन जब फ्लोराइड की मात्रा प्रति लीटर पानी
में 1.5 मिग्रा तक पहुंच जाती है तो यह दांतों के एनॉमल में गड्ढा बना देता
है और हड्डियों में जमा होने लगता है।


वहीं यदि इसकी मात्रा प्रति
लीटर पानी में दस मिग्रा तक पहुंच जाती है तो यह हड्डियों के ढांचे को
कमजोर करता है, जिससे विकलांगता की स्थिति पैदा हो जाती है।


बोर्ड
के सर्वे में उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद, लखनऊ और हरदोई  में कुल 52 नमूने
लिए गए,  जिसमें से चार नमूनों में फ्लोराइड की मात्रा अधिक पाई गई है।
दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में भी करीब दर्जन भर नमूनों में फ्लोराइड की
मात्रा खतरनाक स्तर पर पाई गई।


मध्य प्रदेश के जबलपुर, ग्वालियर और
राजस्थान के जयपुर व जोधपुर में लिए गए नमूनों में भी फ्लोराइड की मात्रा
खतरनाक स्तर तक पहुंचने के संकेत मिले हैं। जबलपुर में 21 सैपलों में चार
और ग्वालियर में 20 में से एक नमूने में फ्लोराइड अधिक पाया गया है। जयपुर
में 32 और जोधपुर में 34 नमूने लिए गए। दोनो ही जिलों के चार-चार नमूनों
में फ्लोराइड की मात्रा मानक स्तर से अधिक पाई गई।


आंघ्र प्रदेश के
हैदराबाद (शहरी क्षेत्र), विशाखापत्तनम (शहरी क्षेत्र) और विजयवाड़ा (शहरी
क्षेत्र) में किए गए सर्वे में कई पॉकेटों में फ्लोराइड की मात्रा अधिक पाई
गई है। मानक ब्यूरो ने प्रति लीटर पानी में फ्लोराइड की अधिकतम मात्रा 1.5
मिली ग्राम तय की है।


सर्वे में आंध्र प्रदेश के हैदराबाद के 315
जगहों से लिए सैंपल में 28 जगह फ्लोराइड की मात्रा 1.5 मिलीग्राम से अधिक
मिली। केंद्रीय भूजल बोर्ड ने यह सर्वे आंध्र प्रदेश, गुजरात, झारखंड,
महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, मध्य प्रदेश,
राजस्थान, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में किया है।

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