गुडग़ांव। स्कूलों की दशा सुधारने के लिए प्रदेश स्कूल शिक्षा
विभाग अब आम लोगों के साथ एनजीओ, सामाजिक संगठनों और निजी कंपनियों का
सहारा ले रहा है। इसके लिए विभाग ने स्कूल नर्चर पॉलिसी बनाई है, जिसके तहत
एक वेबसाइट तैयार की गई है। इस पर प्रदेश के सभी स्कूलों की जानकारी
उपलब्ध होगी। जो व्यक्ति स्कूलों में कुछ दान करना चाहेगा वह वेबसाइट के
जरिए अपनी इच्छा जाहिर कर सकेगा। बाद में सरकारी अनुमति मिलेगी और दान
दिया जाने वाला सामान सीधे स्कूल में भेज दिया जाएगा।
जिम्मेदारी निभाएं लोग
गुरुवार को एससीईआरटी पहुंचे प्रदेश मौलिक शिक्षा विभाग के निदेशक अभय सिंह
यादव ने बताया कि इस अभियान से सरकारी स्कूलों को काफी फायदा होगा। सरकार
स्कूलों का इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
सरकार के साथ-साथ हर व्यक्ति का कर्तव्य बनता है कि वह अपनी सामाजिक
जिम्मेदारी निभाएं। बहुत से व्यक्ति ऐसे हैं जो स्कूलों में दान देना चाहते
हैं। उन्हें लगता है कि पैसे का सदुपयोग नहीं हो पाएगा, इसलिए दान नहीं
करते। फरवरी के अंत तक वेबसाइट लांच होने के बाद ऐसे लोगों को दान देने में
सुविधा होगी।
यहां हर स्कूल की पूरी जानकारी उपलब्ध होगी। साथ ही यह भी दर्ज होगा कि किस
स्कूल को किस सामान की आवश्यकता है। हर व्यक्ति उस वेबसाइट पर जाकर अपनी
मर्जी के अनुसार जिस स्कूल को जो सामान देना चाहेगा, वह दे सकेगा। फिर एक
चैनल के तहत उसका सामान संबंधित स्कूल तक पहुंचा दिया जाएगा।
बड़ी कंपनियों से भी लेंगे सहयोग
निदेशक ने बताया कि विभिन्न निजी कंपनियां हर साल अपनी सीएसआर एक्टिविटी के
तहत करोड़ों रुपए खर्च करती हैं। हम प्रयास करेंगे कि ऐसी कुछ कंपनियों से
बातचीत कर सरकारी स्कूलों को जरूरतों के अनुसार सामान दिलाया जा सके। जो
भी दान करना चाहे उसका स्वागत है। सिस्टम में इस बात का भी ध्यान रखा गया
है कि दान करने वाले को किसी तरह की परेशानी न हो।