नयी दिल्ली । चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर घटकर पांच
प्रतिशत पर आने का अनुमान लगाया है जो एक दशक में सबसे निचला स्तर है।
विनिर्माण, कृषि एवं सेवा क्षेत्र के खराब प्रदर्शन के चलते वृद्धि दर का
अनुमान घटाया गया है।
केंद्रीय सांख्यिकी संगठन :सीएसओ: द्वारा व्यक्त किया गया यह अनुमान सरकार और रिजर्व बैंक के अनुमान से भी काफी कम है।
सीएसओ
द्वारा आज जारी किए गए अग्रिम अनुमान के मुताबिक, ‘‘ वर्ष 2012..13 के
दौरान जीडीपी :सकल घरेलू उत्पाद: की वृद्धि दर 5 प्रतिशत रहने का अनुमान
है, जबकि बीते वित्त वर्ष में यह 6.2 प्रतिशत रही थी।’’
वर्ष 2002..03 में जीडीपी वृद्धि दर 4
प्रतिशत रही थी और इसके बाद से भारतीय अर्थव्यवस्था छह प्रतिशत से उच्च्पर
की वृद्धि दर से बढ़ती रही है जिसमें सबसे अधिक 9.6 प्रतिशत की वृद्धि दर
2006..7 में दर्ज की गई थी।
सीएसओ के अग्रिम अनुमान में कृषि और इससे
संबद्ध क्षेत्र की वृद्धि दर घटाकर 1.3 प्रतिशत कर दी गई है जो 2011..12
में 3.6 प्रतिशत थी।
वहीं, 2012..13 के लिए विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर भी घटाकर 1.9 प्रतिशत कर दी गई जो बीते वित्त वर्ष में 2.7 प्रतिशत थी। (भाषा)
प्रतिशत पर आने का अनुमान लगाया है जो एक दशक में सबसे निचला स्तर है।
विनिर्माण, कृषि एवं सेवा क्षेत्र के खराब प्रदर्शन के चलते वृद्धि दर का
अनुमान घटाया गया है।
केंद्रीय सांख्यिकी संगठन :सीएसओ: द्वारा व्यक्त किया गया यह अनुमान सरकार और रिजर्व बैंक के अनुमान से भी काफी कम है।
सीएसओ
द्वारा आज जारी किए गए अग्रिम अनुमान के मुताबिक, ‘‘ वर्ष 2012..13 के
दौरान जीडीपी :सकल घरेलू उत्पाद: की वृद्धि दर 5 प्रतिशत रहने का अनुमान
है, जबकि बीते वित्त वर्ष में यह 6.2 प्रतिशत रही थी।’’
वर्ष 2002..03 में जीडीपी वृद्धि दर 4
प्रतिशत रही थी और इसके बाद से भारतीय अर्थव्यवस्था छह प्रतिशत से उच्च्पर
की वृद्धि दर से बढ़ती रही है जिसमें सबसे अधिक 9.6 प्रतिशत की वृद्धि दर
2006..7 में दर्ज की गई थी।
सीएसओ के अग्रिम अनुमान में कृषि और इससे
संबद्ध क्षेत्र की वृद्धि दर घटाकर 1.3 प्रतिशत कर दी गई है जो 2011..12
में 3.6 प्रतिशत थी।
वहीं, 2012..13 के लिए विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर भी घटाकर 1.9 प्रतिशत कर दी गई जो बीते वित्त वर्ष में 2.7 प्रतिशत थी। (भाषा)