नकद सब्सिडी पर राज्यों को एतराज

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सब्सिडी के नकद भुगतान के जरिये अगले लोकसभा
चुनाव में अपनी नैया पार होने की आस लगाए बैठी केंद्र सरकार की उम्मीदों
को राज्यों ने झटका दिया है। नकद सब्सिडी योजना को लेकर सरकार की नीयत पर
सवाल उठाते हुए राज्यों ने इसकी सफलता को संदेह के घेरे में ला दिया है।
ज्यादातर राज्यों का मानना है कि इसे लागू करने की जिम्मेदारी राज्यों पर
ही छोड़ दी जानी चाहिए।

केंद्र सरकार ने देश के 51 जिलों में एक जनवरी से आधार कार्ड के जरिये
सब्सिडी के नकद भुगतान की घोषणा की है। शुरुआती तौर पर यह योजना 16 राज्यों
में लागू की जा रही है। राष्ट्रीय विकास परिषद [एनडीसी] की बैठक में
गुरुवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस योजना को लागू करने में राज्यों
से केंद्र के साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया। सरकार दावा कर रही है कि
इस योजना से न सिर्फ भ्रष्टाचार रोकने में मदद मिलेगी बल्कि गरीबों तक पूरी
मदद भी पहुंच पाएगी। लेकिन, एनडीसी की बैठक में शामिल हुए कई राज्य केंद्र
की राय से सहमत नहीं हैं। भाजपा शासित राज्यों के साथ तमिलनाडु ने भी
केंद्र की नीयत पर सवाल उठाए। इन राज्यों का मानना है कि सरकार इसका
इस्तेमाल अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं पूरी करने के लिए कर रही है।
कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने जरूर इस योजना को लेकर
केंद्र की सराहना की।

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने केंद्र पर जमीनी सच्चाई की जानकारी
न होने का आरोप लगाया। पर्याप्त समय नहीं देने का आरोप लगा बैठक से वाकआउट
करने वाली जयललिता ने कहा, सरकार आधार योजना का राजनीतिकरण कर पूरे देश
में उसके अमल में देरी कर रही है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने तो
इस योजना को सिरे से ही नकार दिया। उनका मानना है कि यह जरूरतमंदों को
खाद्य सुरक्षा के लिए प्रभावी गारंटी साबित नहीं होगी। रमन ने केंद्र को इस
योजना के स्वरूप को अनिवार्य न बनाकर उसे सिफारिशी प्रवृत्ति का रखने का
सुझाव दिया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे अधूरी
तैयारियों के साथ शुरू की जाने वाली योजना बताया। मुख्यमंत्री ने कहा, इस
योजना की सफलता के लिए आवश्यक है कि कम से कम 90 प्रतिशत लोगों के पास आधार
कार्ड हों। उनका सुझाव है कि फिलहाल इसे टाल कर पूरी तैयारी के बाद लागू
किया जाना चाहिए।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, इस योजना को सफल बनाने के
लिए जरूरी है कि प्रमुख विकास योजनाओं के दिशा-निर्देशों को भी इसके अनुरूप
बनाया जाए ताकि राज्य सरकारें जरूरत के मुताबिक इसका इस्तेमाल अन्य
योजनाओं के लिए भी कर सकें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *