बिहार की महिलाएं नित नया कीर्तिमान गढ. रही हैं. उनकी प्रतिभा किसी की
मुहताज नहीं है. वे हर नये प्रयोग में अपना वर्चस्व स्थापित कर रही हैं.
अपनी पहचान बना रही हैं. कुछ ऐसा ही नया करने के सोच से बांका जिले के
चांदन प्रखंड की बिरनिया पंचायत की महिलाएं लाह की खेती में जुटी हैं. इसके
लिए वे ट्रेनिंग भी ले रही हैं.
महिला विकास निगम की इनोवेटिव पायलट प्रोजेक्ट के तहत बांका जिले के स्वयं
सहायता समूह की महिलाओं द्वारा लाह की खेती की जा रही है. इसमें 16
ग्रुपों की 300 से अधिक महिलाएं काम कर रही हैं. लाह की खेती कर बांका जिले
की महिलाओं ने आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होने की दिशा में उदाहरण पेश किया
है. 30-35 महिलाओं का समूह बना कर लाह की खेती कर रहीं 35 वर्षीया विद्या
देवी कहती हैं, पहले से गांव की महिलाएं कृषि कायरें से जुड़ी हैं, लेकिन
इस से हमें कोई विशेष मुनाफा नहीं हो पाता था.
निगम द्वारा स्वोर्ड एजेंसी के तहत लाह की खेती करने की बात कही गयी. पहले
तो महिलाओं ने हां नहीं किया, लेकिन संस्था द्वारा अंतरवर्ती फसल होने की
बात बतायी गयी, जिससे एक ही समय में बहुत कम मेहनत में हम लाह की खेती करने
को तैयार हो गये. इसके लिए कृषि वैज्ञानिकों द्वारा तकनीकी प्रशिक्षण भी
दिया गया. इसके माध्यम से तीन गांवों में लाह की खेती कर रही हूं. पहली बार
में एक पेड़ से लगभग 100 ग्राम लाह की प्राप्ति हुई.