जलंधर। पंजाब सरकार के हाल ही में सूबे में कैंसर के मरीजों की पहचान के
लिए कराए गए सर्वेक्षण में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
इसके मुताबिक, पिछले पांच साल से औसतन हर रोज इस बीमारी से राज्य में 18 से
अधिक लोगों की मौत हो रही है। कैंसर से सबसे अधिक मौतें लुधियाना जिले में
और सबसे कम मौतें नवांशहर जिले में हुई हैं।
पंजाब सरकार के राज्य
स्वास्थ्य प्रणाली संसाधन केंद्र के कार्यकारी निदेशक डाक्टर प्यारे लाल
गर्ग ने कहा-राज्य सरकार के कराए गए सर्वे की रपट में यह बात सामने आई है
कि पिछले पांच साल में राज्य में रोज इस बीमारी से औसतन 18 से अधिक लोगों
की जानें गई हैं। कैंसर से सबसे अधिक मौतें लुधियाना में हुई हैं और उसके
बाद जलंधर और अमृतसर में हुई हैं।
गर्ग ने बताया-रपट में कहा गया है कि
राज्य में पिछले पांच साल में 33,109 लोगों ने इस बीमारी से दम तोड़ा है। इस
बीमारी से पिछले पांच साल में लुधियाना में 3945, जलंधर में 3249 और
अमृतसर में 2755 मौत हुई हैं। इसके बाद फिरोजपुर का स्थान है जहां 2440
लोगों ने इससे दम तोड़ा है। उन्होंने बताया कि एक दिसंबर से पांच जनवरी तक
चले इस सर्वे में राज्य में 23,675 कैंसर मरीजों की पहचान की गई है। इसमें
भी लुधियाना का स्थान सबसे आगे है। वहां 3169 कैंसर के मरीज पाए गए हैं।
इसके बाद फिरोजपुर में 2108 और अमृतसर में 1870 मरीजों की पहचान की गई है।
इस बीमारी से पिछले पांच साल में सबसे कम मौत नवांशहर और बरनाला जिले में
हुई हैं। इन दोनों जिलों में यह संख्या क्रमश: 548 और 780 है। कैंसर के
मरीजों की पुष्टि के मामले में तरन तारन जिला सबसे नीचे है और उससे ऊपर
नवांशहर है। दोनों जिलों में क्रमश: 407 और 503 लोगों में कैंसर की पुष्टि हुई है।
निदेशक ने यह
भी बताया कि सर्वेक्षण में कैंसर के लक्षणों का भी पता लगाया गया है। राज्य
में 84,110 ऐसे लोग पाए गए हैं जिनमें कैंसर के लक्षण हैं। इस मामले में
अमृतसर पहले स्थान पर है और उसके बाद जलंधर और संगरूर का नंबर है जहां
क्रमश: 8483, 8179 और 7738 लोगों में कैंसर के लक्षण पाए गए हैं। बरनाला
जिले में सबसे कम 1091 लोगों में कैंसर के लक्षण मिले हैं। इससे ऊपर
नवांशहर का स्थान है जहां 1232 लोगों में इसके लक्षण पाए गए हैं।
अधिकारी
ने बताया-यह सर्वेक्षण राज्य में एक दिसंबर से 31 दिसंबर तक चलाया गया था।
कुछ जिलों में सर्वेक्षण का काम चार-पांच दिन आगे भी चला। अब हम इन सभी
जिलों से आ रहे इन आंकड़ों को एकत्र कर रहे हैं और यह लगभग पूरा हो चुका है।
यह पूछे जाने पर कि अंतिम रपट कब तक आएगी, गर्ग ने कहा कि यह लगभग पूरा हो
चुका है। इस महीने की 15 तारीख को संबंधित मंत्री रपट जारी करेंगे।
सर्वेक्षण में राज्य के 50 लाख से अधिक घरों के दो करोड़ 63 लाख से अधिक
लोगों को शामिल किया गया है।
कैंसर से सर्वाधिकप्रभावित बठिंडा जिले
में कैंसर से मौत, मरीजों की पुष्टि और इसके लक्षण के मामले में सुधार हुआ
है। जिले में यह आंकड़ा क्रमश: 1627, 2058 और 3521 है। जिन अन्य जिलों में
पिछले पांच साल में अधिक मौत हुई हैं उनमें फिरोजपुर में 2440, संगरूर में
2274 और गुरदासपुर में 2125 लोग शामिल हैं। इन जिलों में क्रमश: 2108, 1482
तथा 1424 लोगों में कैंसर बीमारी की पुष्टि हुई है।
नए सर्वेक्षण के मुताबिक, अब दोआबा क्षेत्र को भी यह बीमारी अपनी चपेट में ले रही है। (भाषा)।
लिए कराए गए सर्वेक्षण में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
इसके मुताबिक, पिछले पांच साल से औसतन हर रोज इस बीमारी से राज्य में 18 से
अधिक लोगों की मौत हो रही है। कैंसर से सबसे अधिक मौतें लुधियाना जिले में
और सबसे कम मौतें नवांशहर जिले में हुई हैं।
पंजाब सरकार के राज्य
स्वास्थ्य प्रणाली संसाधन केंद्र के कार्यकारी निदेशक डाक्टर प्यारे लाल
गर्ग ने कहा-राज्य सरकार के कराए गए सर्वे की रपट में यह बात सामने आई है
कि पिछले पांच साल में राज्य में रोज इस बीमारी से औसतन 18 से अधिक लोगों
की जानें गई हैं। कैंसर से सबसे अधिक मौतें लुधियाना में हुई हैं और उसके
बाद जलंधर और अमृतसर में हुई हैं।
गर्ग ने बताया-रपट में कहा गया है कि
राज्य में पिछले पांच साल में 33,109 लोगों ने इस बीमारी से दम तोड़ा है। इस
बीमारी से पिछले पांच साल में लुधियाना में 3945, जलंधर में 3249 और
अमृतसर में 2755 मौत हुई हैं। इसके बाद फिरोजपुर का स्थान है जहां 2440
लोगों ने इससे दम तोड़ा है। उन्होंने बताया कि एक दिसंबर से पांच जनवरी तक
चले इस सर्वे में राज्य में 23,675 कैंसर मरीजों की पहचान की गई है। इसमें
भी लुधियाना का स्थान सबसे आगे है। वहां 3169 कैंसर के मरीज पाए गए हैं।
इसके बाद फिरोजपुर में 2108 और अमृतसर में 1870 मरीजों की पहचान की गई है।
इस बीमारी से पिछले पांच साल में सबसे कम मौत नवांशहर और बरनाला जिले में
हुई हैं। इन दोनों जिलों में यह संख्या क्रमश: 548 और 780 है। कैंसर के
मरीजों की पुष्टि के मामले में तरन तारन जिला सबसे नीचे है और उससे ऊपर
नवांशहर है। दोनों जिलों में क्रमश: 407 और 503 लोगों में कैंसर की पुष्टि हुई है।
निदेशक ने यह
भी बताया कि सर्वेक्षण में कैंसर के लक्षणों का भी पता लगाया गया है। राज्य
में 84,110 ऐसे लोग पाए गए हैं जिनमें कैंसर के लक्षण हैं। इस मामले में
अमृतसर पहले स्थान पर है और उसके बाद जलंधर और संगरूर का नंबर है जहां
क्रमश: 8483, 8179 और 7738 लोगों में कैंसर के लक्षण पाए गए हैं। बरनाला
जिले में सबसे कम 1091 लोगों में कैंसर के लक्षण मिले हैं। इससे ऊपर
नवांशहर का स्थान है जहां 1232 लोगों में इसके लक्षण पाए गए हैं।
अधिकारी
ने बताया-यह सर्वेक्षण राज्य में एक दिसंबर से 31 दिसंबर तक चलाया गया था।
कुछ जिलों में सर्वेक्षण का काम चार-पांच दिन आगे भी चला। अब हम इन सभी
जिलों से आ रहे इन आंकड़ों को एकत्र कर रहे हैं और यह लगभग पूरा हो चुका है।
यह पूछे जाने पर कि अंतिम रपट कब तक आएगी, गर्ग ने कहा कि यह लगभग पूरा हो
चुका है। इस महीने की 15 तारीख को संबंधित मंत्री रपट जारी करेंगे।
सर्वेक्षण में राज्य के 50 लाख से अधिक घरों के दो करोड़ 63 लाख से अधिक
लोगों को शामिल किया गया है।
कैंसर से सर्वाधिकप्रभावित बठिंडा जिले
में कैंसर से मौत, मरीजों की पुष्टि और इसके लक्षण के मामले में सुधार हुआ
है। जिले में यह आंकड़ा क्रमश: 1627, 2058 और 3521 है। जिन अन्य जिलों में
पिछले पांच साल में अधिक मौत हुई हैं उनमें फिरोजपुर में 2440, संगरूर में
2274 और गुरदासपुर में 2125 लोग शामिल हैं। इन जिलों में क्रमश: 2108, 1482
तथा 1424 लोगों में कैंसर बीमारी की पुष्टि हुई है।
नए सर्वेक्षण के मुताबिक, अब दोआबा क्षेत्र को भी यह बीमारी अपनी चपेट में ले रही है। (भाषा)।