नई दिल्ली। बलात्कार का शिकार होने वाली गरीब तबकों की महिलाओं को शीघ्र ही
सरकार से वित्तीय मदद मिल सकती है क्योंकि योजना आयोग ने महिला एवं बाल
विकास मंत्रालय के एक संबंधित प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने एक योजना का प्रस्ताव रखा था जिसके
तहत सभी बलात्कार पीड़िताओं को इस साल अप्रैल से यह सहायता दी जाती लेकिन
योजना आयोग का कहना था कि हरेक को :अच्छी आर्थिक स्थिति की वजह: उसकी जरूरत
नहीं हो और दूसरी बात कि हरेक :सामाजिक कारणों से: उसे स्वीकार भी न करे।
महिला एवं बाल
विकास सचिव प्रेम नारायण ने कहा, ‘‘फिलहाल अनुसूचित जाति.जनजाति उत्पीड़न
रोकथाम कानून में प्रावधान है जिसके तहत इस अपराध की पीड़िता को सहायता के
रूप में एक लाख 20 हजार रूपए दिए जाते हैं। मंत्रालय ने प्रस्ताव रखा था कि
अन्य श्रेणियों की पीड़ित महिलाओं को भी ऐसी ही सहायता दी जाए। योजना आयोग
ने उन पीड़िताओं के लिए यह सहायता देने की योजना मंजूर कर दी है जो आर्थिक
रूप से कमजोर तबके की हैं। ’’ (भाषा)
सरकार से वित्तीय मदद मिल सकती है क्योंकि योजना आयोग ने महिला एवं बाल
विकास मंत्रालय के एक संबंधित प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने एक योजना का प्रस्ताव रखा था जिसके
तहत सभी बलात्कार पीड़िताओं को इस साल अप्रैल से यह सहायता दी जाती लेकिन
योजना आयोग का कहना था कि हरेक को :अच्छी आर्थिक स्थिति की वजह: उसकी जरूरत
नहीं हो और दूसरी बात कि हरेक :सामाजिक कारणों से: उसे स्वीकार भी न करे।
महिला एवं बाल
विकास सचिव प्रेम नारायण ने कहा, ‘‘फिलहाल अनुसूचित जाति.जनजाति उत्पीड़न
रोकथाम कानून में प्रावधान है जिसके तहत इस अपराध की पीड़िता को सहायता के
रूप में एक लाख 20 हजार रूपए दिए जाते हैं। मंत्रालय ने प्रस्ताव रखा था कि
अन्य श्रेणियों की पीड़ित महिलाओं को भी ऐसी ही सहायता दी जाए। योजना आयोग
ने उन पीड़िताओं के लिए यह सहायता देने की योजना मंजूर कर दी है जो आर्थिक
रूप से कमजोर तबके की हैं। ’’ (भाषा)