10 वीं नक्सल कांग्रेस की तैयारी, पुलिस सतर्क

रायपुर : छत्तीसगढ के धुर नक्सल प्रभावित अबूझमाड़ क्षेत्र में
नक्सलियों की दसवीं कांग्रेस की तैयारी चल रही है. पुलिस को मिली जानकारी
के मुताबिक कांग्रेस के सिलसिले में कुछ नक्सली नेताओं का यहां आना शुरू हो
गया है. बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक टी जे लांगकुमेर ने आज कहा कि
पुलिस को जानकारी मिली है कि नक्सल प्रभावित अबूझमाड़ क्षेत्र में
नक्सलियों ने अपनी 10 वीं कांग्रेस की तैयारी शुरू कर दी है. इस क्षेत्र
में नक्सली नेताओं का आना शुरू हो गया है तथा इलाके पर पुलिस की भी नजर है.

पुलिस अधिकारी ने कहा कि अबूझमाड़ क्षेत्र को नक्सली अपना सुरक्षित
ठिकाना मानते हैं इसलिये इसकी संभावना ज्यादा है कि वे अपनी 10वीं कांग्रेस
यहीं करें. वैसे अक्सर देखा गया है कि नक्सली पुलिस को भटकाने के लिये ऐसी
खबरें प्रचारित करते हैं जिससे पुलिस अपनी सारी ताकत यहां झोंक दे और वे
दूसरी जगह पर अपनी महत्वपूर्ण बैठक कर सकें.

बस्तर क्षेत्र के पुलिस अधिकारियों ने कहा कि नक्सली प्रत्येक पांच वर्ष
में कांग्रेस का आयोजन करते हैं. वर्ष 2007 में बिहार के जमुई और मुंगेर
जिले के सीमावर्ती गांव भीमबांध के जंगल में नौंवी नक्सल कांग्रेस का आयोजन
किया गया था. वर्ष 2012 में नक्सलियों द्वारा 10 वीं नक्सल कांग्रेस का
आयोजन किया जाना है.

नक्सल कांग्रेस में सैंटल कमेटी सदस्य, पोलित ब्यूरो के सदस्य, स्टेट
कमेटी के सदस्य और सभी ब्यूरो के सदस्यों समेत प्रमुख नक्सली नेता शामिल
होते हैं. इस बैठक में प्रमुख पदाधिकारियों के प्रभारों में फ़ेरबदल किया
जाता है तथा पांच सालों का लेखा जोखा भी पेश किया जाता है.

इसमें पिछले वर्षों की घटनाओं, उपलब्धियों तथा नफ़ा नुकसान के बारे में
चर्चा की जाती है तथा आने वाले पांच सालों का लक्ष्य तथा उसे पूरा करने के
उपायों के बारे में भी चर्चा की जाती है.

वहीं इस महत्वपूर्ण बैठक में बजट पर भी चर्चा की जाती है. नक्सली
प्रतिवर्ष देश भर से करोडों रूपये की उगाही करते हैं. इस पैसे को ज्यादातर
हथियार और गोलाबारूद पर खर्च किया जाता है. नक्सली अब इन पैसों से विदेशी
सामान भी खरीदने लगे हैं. पिछले दिनों बस्तर क्षेत्र से पुलिस ने जापान और
चीन में निर्मित वाकी टाकी भी बरामद किया था.

पुलिस ने कुछ समय पहले नक्सलियों के पास से मिसाइल बनाने का सामान भी
बरामद किया था. वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के मुताबिक राज्य के बस्तर क्षेत्र
से लेकर महाराष्‍ट्र के गढचिरौली जिले तक लगभग चार हजार वर्ग किलोमीटर
क्षेत्र में फ़ैले घने जंगलों से घिरे अबूझामाड़ क्षेत्र को नक्सलियों का
गढ माना जाता है.

इस क्षेत्र के कई गांवों में नक्सलियों ने जनता सरकार का गठन भी कर लिया
है इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि नक्सली अपनी महत्वपूर्ण बैठक के लिये इस
क्षेत्र का चुनाव कर सकते हैं. नक्सल कांग्रेस में चोटी के नेताओं के शामिल
होने के कारण नक्सली इसकी सुरक्षा में अपनी पूरी ताकत झौंक देते हैं.

इस बैठक की सुरक्षा सात से ज्यादा परतों में की जाती है तथा इसकी
सुरक्षा के लिये चक्रव्यूह की तरह रचना की जाती है, ताकि यदि पुलिस को/> जानकारी मिल जाए और वह कार्रवाई करे भी तो वरिष्ठ नक्सली नेता वहां से
फ़रार हो सकें या भूमिगत हो सके.

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक अबूझमाड़ क्षेत्र में पुलिस ने लगातार
कार्रवाई की है तथा नक्सलियों को मार गिराने या गिरफ्तार करने में सफ़लता
मिली है. 10 वीं कांग्रेस की सुगबुगाहट के बाद अब पुलिस को सतर्क कर दिया
गया है.

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