गोपालगंज, कार्यालय संवाददाता : महादलित परिवारों के उत्थान के लिए
सरकारी स्तर पर भले ही प्रयास किये जा रहे हों, लेकिन सच्चाई यह है कि कई
परिवारों को अब भी मकान के लिए जमीन की तलाश है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार
जिले में अब भी 113 ऐसे परिवार हैं, जिन्हें रहने के लिए जमीन नहीं है।
जिले में महादिलतों के उत्थान के लिए सर्वेक्षण कराया गया था। प्रथम
सर्वेक्षण रिपोर्ट आने के बाद भी भारी संख्या में महादलित परिवार इस सूची
में आने से छूट गये थे। ऐसे में विभाग के निर्देश पर दोबारा इनका सर्वेक्षण
किया गया। दूसरी सर्वेक्षण रिपोर्ट में भी करीब छह हजार नये महादलित
परिवारों का पता चला और इनका नाम महादलित सर्वेक्षण सूची में जोड़ दिया गया।
दूसरी सर्वेक्षण रिपोर्ट में इस बात की खुलासा हुआ कि जिले में 121
महादलित परिवारों को रहने के लिए जमीन नहीं है। रिपोर्ट आने के बाद संबंधित
अंचलों से इनके लिए जमीन का प्रस्ताव मांगा गया। कटेया अंचल से प्रस्ताव
आने के बाद आठ महादलित परिवारों को तीन-तीन डिसमिल जमीन का पर्चा वितरित कर
दिया गया। शेष 113 परिवारों को अब भी रहने के लिए जमीन की तलाश है। यह
स्थिति अंचलों से उनके लिए जमीन की उपलब्धता का प्रस्ताव नहीं आना प्रमुख
कारण बताया जा रहा है।
कहां कितने को नहीं है जमीन
प्रखंड परिवारों की संख्या
गोपालगंज 48
मांझा 18
बरौली 15
सिधवलिया 04
बैकुंठपुर 28
कुल 113