जनसत्ता संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी की झुग्गी-बस्तियों, गांव, अनधिकृत
नियमित कालोनियों और पुनर्वास कालोनियों में रहने वाले लाखों लोगों की
मांगों को लेकर छह जनवरी को दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के सरकारी
आवास पर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठे होंगे।
और सरकार को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए चेताएंगे। दिल्ली विकास मोर्चा
के बैनर तले होने वाली इस रैली की कमान पूर्व विधायक और मोर्चा के अध्यक्ष
रामवीर सिंह विधूड़ी थामेंगे। विधूड़ी ने रविवार को घोषणा की कि सरकार ने
अगर अनदेखी की तो जल्दी ही हम मुख्यमंत्री के आवास के बाहर डेरा डाल देंगे।
और यह तब तक रहेगा जब तक मांगें पूरी नहीं हो जाती। बता दें कि सरकार की
नुमाइंदगी करने वाली मुख्यमंत्री के आवास पर होने वाली इस रैली में
मुख्यमंत्री के अलावा शहरी विकास मंत्री कमल नाथ और अजय माकन को भी न्योता
दिया गया है। विधूड़ी ने कहा कि आजादी के बाद से अब तक इन लोगों की मांगों
को अनदेखी की जा रही है।
मोर्चा के अध्यक्ष विधूड़ी ने कहा कि दिल्ली
में रहने वालों में से सत्तर फीसद आबादी पुनर्वास कालोनियों, झुग्गी
बस्तियों और कैंपों में रहने वाले लोगों की है। लेकिन सरकार ने इनकी हमेशा
अनदेखी की है। लेकिन अब समय आ गया है कि जब इन बस्तियों और कालोनियों में
रहने वाले लोग अपने हक की लड़ाई को जारी रखने के लिए तैयार हो चुके हैं।
उन्होंने कहा कि कालोनियों और पुनर्वास बस्तियों में रहने वाले लाखों लोगों
को सरकार और पुलिस चाहे जब उजाड़ने पर उतारू हो जाती है। आखिर में लोग कैसे
अपना जीवन यापन करेंगे। यहां तक कि उजाड़ने के बाद इन लोगों को रहने की जगह
तक नहीं दी जाती है। विधूड़ी ने कहा कि एक लंबे समय से सरकार ने इन लोगों
को मालिकाना हक देने का वायदा किया लेकिन सभी वायदे झूठे साबित हुए हैं।
सड़क किनारे बैठकर रोजी-रोटी कमाने वालों से भी सरकार ने लाइसेंस देने की
बात कहा लेकिन अभी तक उन्हें लाइसेंस नहीं दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार इन पर
बिल जाने की बात कहती है। लेकिन बिल की बात तो छोड़िए इन लोगों को लाइसेंस
तक नहीं मिले हैं।
यही वजह है कि आए दिन पुलिसवालों का और दूसरी
एजंसियों का दुत्कार इन्हें सहना पड़ता है। उन्होंने कहा कि आज सरकार कहती
है कि जो कालोनियां प्राइवेट जमीन पर बसी हुई है, वह सरकारी है। आखिर ऐसा
क्यों हो रहा है। बिधूड़ी ने कहा कि छह जनवरी का होने वाली इस रैली में एक
लाख लोगों के हिस्सा लेने की उम्मीद है। इनमें पुनर्वास कालोनियों,
अनाधिकृत कालोनियों, झुग्गी झोपड़ी और दिल्ली के गांवों में रहने वाले लोग
शामिल होंगे। रैली में एनसीपी के सभी पांचों पार्षद जीवन लाल, धर्मवीर
अवाना, फूलकली नारवाला, शिखा शाह और टिम्सी कसाना भी होंगे। ये सभी मार्षद
अभी से इस रैली का सफल बनाने में लग गए हैं।
पूर्व विधायक और मोर्चा
अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के सरकारी आवास पर होने वाली
इस रैली में मुख्यमंत्री दीक्षित के अलावा केंद्रीय शहरी विकास मंत्री
/> कमलनाथ, केंद्रीय गरीब उन्मूलन व आवास योजना मंत्री अजय माकन और दिल्ली के
शहरी विकास मंत्री अरविंदर सिंह लवली को न्योता गया है। ताकि इस रैली के
माध्यम से 70 फीसद आबादी की मांगों को रखा जाए। और समाधान के लिए ज्ञापन
दिया जा सके।
विधूड़ी ने सरकार से गरीबों को साल में सबसिडी वाले छह की
जगह 15 सिलेंडर देने की मांग के साथ-साथ नियमितीकरण की शर्तों को पूरा करने
वाली जिन अनधिकृत कालोनियों को नियमित नहीं किया गया है उन्हें नियमित
करने, गांव, अनधिकृत कालोनियों व पुनर्वास बस्तियों में बिल्डिंग बाइलाज के
मुताबिक मकान बनाने, इजाजत देने, लालडोरा बढ़ाने, हाउस टैक्स माफ करने,
खेती के लिए ट्यूबबैल लगाने की अनुमति धारा 81 को समाप्त करने, झुग्गियों
की जगह झुग्गी वालों को फ्लैट देने, सड़क किनारे बैठे लोगों के पुनर्वास
करने और रेहड़ी पटरी वोलों को लाइसेंस देने की सरकार से मांग की है।
नियमित कालोनियों और पुनर्वास कालोनियों में रहने वाले लाखों लोगों की
मांगों को लेकर छह जनवरी को दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के सरकारी
आवास पर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठे होंगे।
और सरकार को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए चेताएंगे। दिल्ली विकास मोर्चा
के बैनर तले होने वाली इस रैली की कमान पूर्व विधायक और मोर्चा के अध्यक्ष
रामवीर सिंह विधूड़ी थामेंगे। विधूड़ी ने रविवार को घोषणा की कि सरकार ने
अगर अनदेखी की तो जल्दी ही हम मुख्यमंत्री के आवास के बाहर डेरा डाल देंगे।
और यह तब तक रहेगा जब तक मांगें पूरी नहीं हो जाती। बता दें कि सरकार की
नुमाइंदगी करने वाली मुख्यमंत्री के आवास पर होने वाली इस रैली में
मुख्यमंत्री के अलावा शहरी विकास मंत्री कमल नाथ और अजय माकन को भी न्योता
दिया गया है। विधूड़ी ने कहा कि आजादी के बाद से अब तक इन लोगों की मांगों
को अनदेखी की जा रही है।
मोर्चा के अध्यक्ष विधूड़ी ने कहा कि दिल्ली
में रहने वालों में से सत्तर फीसद आबादी पुनर्वास कालोनियों, झुग्गी
बस्तियों और कैंपों में रहने वाले लोगों की है। लेकिन सरकार ने इनकी हमेशा
अनदेखी की है। लेकिन अब समय आ गया है कि जब इन बस्तियों और कालोनियों में
रहने वाले लोग अपने हक की लड़ाई को जारी रखने के लिए तैयार हो चुके हैं।
उन्होंने कहा कि कालोनियों और पुनर्वास बस्तियों में रहने वाले लाखों लोगों
को सरकार और पुलिस चाहे जब उजाड़ने पर उतारू हो जाती है। आखिर में लोग कैसे
अपना जीवन यापन करेंगे। यहां तक कि उजाड़ने के बाद इन लोगों को रहने की जगह
तक नहीं दी जाती है। विधूड़ी ने कहा कि एक लंबे समय से सरकार ने इन लोगों
को मालिकाना हक देने का वायदा किया लेकिन सभी वायदे झूठे साबित हुए हैं।
सड़क किनारे बैठकर रोजी-रोटी कमाने वालों से भी सरकार ने लाइसेंस देने की
बात कहा लेकिन अभी तक उन्हें लाइसेंस नहीं दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार इन पर
बिल जाने की बात कहती है। लेकिन बिल की बात तो छोड़िए इन लोगों को लाइसेंस
तक नहीं मिले हैं।
यही वजह है कि आए दिन पुलिसवालों का और दूसरी
एजंसियों का दुत्कार इन्हें सहना पड़ता है। उन्होंने कहा कि आज सरकार कहती
है कि जो कालोनियां प्राइवेट जमीन पर बसी हुई है, वह सरकारी है। आखिर ऐसा
क्यों हो रहा है। बिधूड़ी ने कहा कि छह जनवरी का होने वाली इस रैली में एक
लाख लोगों के हिस्सा लेने की उम्मीद है। इनमें पुनर्वास कालोनियों,
अनाधिकृत कालोनियों, झुग्गी झोपड़ी और दिल्ली के गांवों में रहने वाले लोग
शामिल होंगे। रैली में एनसीपी के सभी पांचों पार्षद जीवन लाल, धर्मवीर
अवाना, फूलकली नारवाला, शिखा शाह और टिम्सी कसाना भी होंगे। ये सभी मार्षद
अभी से इस रैली का सफल बनाने में लग गए हैं।
पूर्व विधायक और मोर्चा
अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के सरकारी आवास पर होने वाली
इस रैली में मुख्यमंत्री दीक्षित के अलावा केंद्रीय शहरी विकास मंत्री
/> कमलनाथ, केंद्रीय गरीब उन्मूलन व आवास योजना मंत्री अजय माकन और दिल्ली के
शहरी विकास मंत्री अरविंदर सिंह लवली को न्योता गया है। ताकि इस रैली के
माध्यम से 70 फीसद आबादी की मांगों को रखा जाए। और समाधान के लिए ज्ञापन
दिया जा सके।
विधूड़ी ने सरकार से गरीबों को साल में सबसिडी वाले छह की
जगह 15 सिलेंडर देने की मांग के साथ-साथ नियमितीकरण की शर्तों को पूरा करने
वाली जिन अनधिकृत कालोनियों को नियमित नहीं किया गया है उन्हें नियमित
करने, गांव, अनधिकृत कालोनियों व पुनर्वास बस्तियों में बिल्डिंग बाइलाज के
मुताबिक मकान बनाने, इजाजत देने, लालडोरा बढ़ाने, हाउस टैक्स माफ करने,
खेती के लिए ट्यूबबैल लगाने की अनुमति धारा 81 को समाप्त करने, झुग्गियों
की जगह झुग्गी वालों को फ्लैट देने, सड़क किनारे बैठे लोगों के पुनर्वास
करने और रेहड़ी पटरी वोलों को लाइसेंस देने की सरकार से मांग की है।