चंडीगढ़। पंजाब में हर दिन दो किसान
कर्ज़ की वजह से खुदकुशी कर रहे हैं। ये पंजाब एग्रीक्लचर यूनिवर्सिटी की
स्टडी में पता चला है। यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट से पंजाब के किसान कितने
खुशहाल हैं इसकी पोल खुल गई है। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की एक रिपोर्ट की
माने तो पंजाब के किसान इतने बदहाल हैं कि हर दिन कोई न कोई खुदकुशी को
मजबूर है। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2000 से 2010 के बीच किसानों की खुदकुशी
के मामले बढ़े हैं। इस दौरान 7 हजार से ज्यादा किसानों ने खुदकुशी की। 6
हजार किसान मालवा इलाके के 6 जिलों के हैं। जिन छह जिलों में किसानों की
खुदकुशी के मामले बढ़े हैं। वो हैं लुधियाना, मोगा, बरनाला, मनसा, संगरूर
और भटिंडा।
पंजाब
कृषि विश्वविधालय के डॉ. सुखपाल सिंह ने रिपोर्ट तैयार करने वाली टीम के
हेड हैं। उनका कहना है कि किसानों की खुदकुशी की जो रिपोर्ट हमने पंजाब
सरकार को सबमिट की है। उससे ये मालूम हुआ है कि पंजाब के किसान जो गंभीर
आर्थिक संकट में हैं। उसकी वजह से खुदकुशी कर रहे हैं।
वैज्ञानिक तरीके से तैयार की गई रिपोर्ट से
जाहिर हो रहा है कि पंजाब के किसान आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। रिपोर्ट के
मुताबिक खेती में लागत बढ़ी है और फसल उपजाने और पैदावार बढ़ाने के लिए
किसानों के पास बैंक और आढ़तियों से कर्ज लेने के सिवाय कोई और चारा नहीं।
इस चक्कर में किसान कर्ज के दलदल में फंस जाते हैं और महंगाई के इस जमाने
में वो कर्ज के इस दलदल से जब निकल नहीं पाते तो खुदकुशी करने को मजबूर हो
जाते हैं।
मालूम हो कि इस देश के प्रधानमंत्री का रिश्ता पंजाब से है और पंजाब की
पहचान मेहनतकश किसानों की वजह से है। एक तरफ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह देश
के विकास की बात करते हैं। दूसरी तरफ खराब माली हालत की वजह से हर दिन दो
किसान खुदकुशी कर रहे हैं। क्या किसानों के देश में अब उनके लिए सोचने वाला
कोई नहीं बचा?