मेधा की गिरफ्तारी का विरोध, प्रदर्शन करेंगे किसान

अंबरीश कुमार, लखनऊ। समाजवादी पार्टी मंगलवार को सामाजिक कार्यकर्ता मेधा
पाटकर और किसान नेता सुनीलम के समर्थन में खुल कर सामने आई और मध्य प्रदेश
की शिवराज सिंह सरकार को पूंजीपतियों के साथ खड़ा होने और किसानों की जमीन
छीनने वाला बताया।
समाजवादी पार्टी ने आज यहां कहा कि सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर की
गिरफ्तारी और किसान नेता  सुनीलम को उम्रकैद की सजा से साफ है कि कांग्रेस
और भाजपा की सरकारें कारपोरेट घरानों के साथ मिल कर किसानों की लूट में
जुटी हैं और जो किसान व गरीब की आवाज उठाते हैं, उन्हें कुचल देने का
कुप्रयास हो रहा है।
समाजवादी पार्टी ने मेधा पाटकर की रिहाई की मांग
करते हुए कहा कि पार्टी मध्य प्रदेश में हो रहे जन विरोधी कामों और
सांप्रदायिक तत्वों की घोर निंदा करती है। पार्टी इसके साथ ही चेतावनी देती
है कि शिवराज सरकार किसानों का दमन बंद करे और अपनी सीमा में रहे।
दूसरी
तरफ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, जन संघर्ष मोर्चा संघर्ष वाहिनी मंच ने
मेधा पाटकर की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करते हुए इसे लोकतंत्र विरोधी कदम
बताया है। यह भी कहा कि इस कदम से भाजपा का फासीवादी और किसान विरोधी चेहरा
बेनकाब हो गया। इस बीच उत्तर प्रदेश किसान मंच बुधवार को भाजपा मुख्यालय
पर प्रदर्शन कर मेधा पाटकर की गिरफ्तारी का विरोध करेगा।
भाकपा नेता
अशोक मिश्र ने कहा-जिस तरह सुनीलम को सजा हुई और फिर उनकी वकील को जेल भेज
दिया गया वह अपने आपमें निंदनीय था पर भाजपा सरकार ने एक कदम और आगे बढ़ते
हुए मेधा पाटकर को आधी रात में गिरफ्तार कर अपना चरित्र दिखा दिया है। इस
तरीके से किसी भी राज्य में किसानों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का दमन नहीं
किया गया है।
दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी ने कहा कि किसानों और गरीबों
के विरोध में कांग्रेस के साथ भाजपा सरकारों का पूरा गठबंधन है। दोनों ही
जमीन लूट कर बड़े बिल्डरों और पूंजी घरानों को देने के लिए किसानों का उत्पीड़न कर रही है। उत्तर प्रदेश में बसपा सरकार भी पांच साल यही करती रही।
भाजपा चूंकि पूंजीपतियों की खुली समर्थक है इसलिए उसकी सरकारें गुजरात में
हो या मध्य प्रदेश में, सब एक ही रास्ते पर चलती नजर आती है। अपने विरोध
को कुचलने की उनकी अलोकतांत्रिक प्रवृत्ति का मेधा पाटकर और सुनीलम की
गिरफ्तारी से नग्न प्रदर्शन हो रहा है। ऐसा लगता है कि भाजपाई मानसिकता
गुजरात के बाद मध्य प्रदेश को भी अधिनायकशाही के साथ सांप्रदायिकता का जहर
फैला कर अपनी नई प्रयोगशाला बनाना चाहती है।
पार्टी के प्रवक्ता
राजेंद्र चौधरी ने कहा- छिदंवाड़ा में किसानों को जबरन विस्थापित किए जाने
के खिलाफ सुनीलम बराबर संघर्ष करते रहे हैं। इस बीच मुलताई और आसपास के
इलाके में कई गांवों में किसानों ने सरकारी फैसले के खिलाफ चूल्हा बंदी
आंदोलन किया। बैतूल के गांवों में किसानों ने अनशन किया। किसानों पर गोली
चलाई गई और सजा भी किसानों को ही दी गई।
उन्होंने कहा कि बड़े कारपोरेट
घरानों की शह पर किसानों के आंदोलन को कुचलने और किसानों की वकील की
गिरफ्तारी का विरोध करनेजब मेधा पाटकर सत्याग्रह पर बैठीं, तो उन्हें भी
जेल भिजवा दिया गया। यह सरासर अलोकतांत्रिक, अराजनैतिक और किसान व जनविरोधी
कदम है। इसके लिए मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार की जितनी निंदा की जाए कम
है। देश में सांप्रदायिक ताकतें अधिनायकशाही तरीके से काम कर रही है और
जनांदोलनों को कुचलने में लगी है। समाजवादी पार्टी इनको अपनी सीमा में रहने
की चेतावनी देती है और मेधा पाटकर और उनके साथियों की रिहाई की मांग करती
है।
जन संघर्ष मोर्चा के अखिलेंद्र प्रताप सिंह और संघर्ष वाहिनी मंच के
राजीव हेम केशव ने मेधा पाटकर की गिरफ्तारी को भाजपा, कांग्रेस और
कारपोरेट घरानों की मिलीभगत का नतीजा बताया है। यह भी कहा कि यह गिरफ्तारी
किसानों का आंदोलन दबाने और सुनीलम के पक्ष में बन रहे दबाव को खत्म करने
के मकसद से की गई है जिसका पुरजोर विरोध होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *