नई दिल्ली। बिजली संयंत्रों को ईंधन की आपूर्ति में कमी से देश में 20,000 मेगावाट क्षमता की नयी परियोजनाएं प्रभावित हो रही हैं।
यह बात बिजली मंत्रालय के एक अधिकारी ने कही।
बिजली मंत्रालय के
संयुक्त सचिव आईसीपी केसरी ने यहां उर्च्च्जा पर एक सम्मेलन में कहा कि
मंत्रालय मौजूदा संयंत्रों को गैस की आपूर्ति के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय
से चर्चा कर रहा है। उन्होंने कहा कि कुल 8,000 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएं गैस और 12,000 मेगावाट की परियोजनाएं कोयले की व्यवस्था न होने के कारण अटकी हैं।
उन्होंने
कहा कि 8000 मेगावाट की क्षमता तैयार है पर गैस न मिलने से चालू नहीं हो
पा रही है। इसी तरह ‘‘12,000-13,000 मेगावाट की निर्माणाधीन परियोजनाओं के
लिए कोयले की व्यवस्था नहीं हो पा रही है।’’
हालांकि उन्होंने कहा कि इनमें से कुछ परियोजनाएं अगले साल चालू हो जाएंगी। (एजेंसी)
यह बात बिजली मंत्रालय के एक अधिकारी ने कही।
बिजली मंत्रालय के
संयुक्त सचिव आईसीपी केसरी ने यहां उर्च्च्जा पर एक सम्मेलन में कहा कि
मंत्रालय मौजूदा संयंत्रों को गैस की आपूर्ति के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय
से चर्चा कर रहा है। उन्होंने कहा कि कुल 8,000 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएं गैस और 12,000 मेगावाट की परियोजनाएं कोयले की व्यवस्था न होने के कारण अटकी हैं।
उन्होंने
कहा कि 8000 मेगावाट की क्षमता तैयार है पर गैस न मिलने से चालू नहीं हो
पा रही है। इसी तरह ‘‘12,000-13,000 मेगावाट की निर्माणाधीन परियोजनाओं के
लिए कोयले की व्यवस्था नहीं हो पा रही है।’’
हालांकि उन्होंने कहा कि इनमें से कुछ परियोजनाएं अगले साल चालू हो जाएंगी। (एजेंसी)