अमृतसर। कुछ गैस एजेंसियां केंद्र सरकार की ओर से एलपीजी के
सिलेंडरों पर सब्सिडी सीमित करने के फैसले का नाजायज फायदा उठाने लगी हैं।
यह आदेश 14 सितंबर को लागू हुआ था, इसलिए मार्च 2013 तक उपभोक्ताओं को
सब्सिडी पर तीन-तीन सिलेंडर दिए जाने हैं। इसके बावजूद पिछले कुछ दिन से
कुछेक एलपीजी एजेंसियां उपभोक्ताओं से नॉन सब्सिडी रेट यानी 950 रुपए वसूल
कर सिलेंडर उपलब्ध करवा रही हैं।
सिलेंडरों पर सब्सिडी सीमित करने के फैसले का नाजायज फायदा उठाने लगी हैं।
यह आदेश 14 सितंबर को लागू हुआ था, इसलिए मार्च 2013 तक उपभोक्ताओं को
सब्सिडी पर तीन-तीन सिलेंडर दिए जाने हैं। इसके बावजूद पिछले कुछ दिन से
कुछेक एलपीजी एजेंसियां उपभोक्ताओं से नॉन सब्सिडी रेट यानी 950 रुपए वसूल
कर सिलेंडर उपलब्ध करवा रही हैं।
करीब ढाई माह पहले लागू हुए सब्सिडी सीमित करने के आदेशों के बाद से
यह तो तय है कि लोगों ने इतने कम समय में तीन-तीन सिलेंडर की खपत नहीं की,
फिर भी नॉन सब्सिडी रेट वसूलना धक्केशाही है।
यह तो तय है कि लोगों ने इतने कम समय में तीन-तीन सिलेंडर की खपत नहीं की,
फिर भी नॉन सब्सिडी रेट वसूलना धक्केशाही है।
एजेंसियों का यह काम कुछेक दलालों के हाथों में है। दीवाली के मौके पर
घरेलू गैस का दुरुपयोग धड़ल्ले से जारी है। इन एजेंटों के निशाने पर खास
तौर पर वे उपभोक्ता हैं जो एलपीजी सिलेंडर चार-चार महीने या इससे ज्यादा
समय बाद मांगते हैं।
घरेलू गैस का दुरुपयोग धड़ल्ले से जारी है। इन एजेंटों के निशाने पर खास
तौर पर वे उपभोक्ता हैं जो एलपीजी सिलेंडर चार-चार महीने या इससे ज्यादा
समय बाद मांगते हैं।
एजेंटों की ओर से महंगे रेट पर बेचे जाने के बाद सिलेंडरों का प्रयोग
हलवाई की दुकानों या बड़े रेस्टोरेंटों में पर धड़ल्ले से हो रहा है। यहां
पर एक हजार से 1250 रुपए में घरेलू सिलेंडरों की सप्लाई की जा रही है। इसकी
शिकायतें जिला फूड एंड सप्लाई विभाग के कंट्रोलर के कानों तक भी पहुंची
हैं, लेकिन फिर भी अभी विभाग ने उचित कदम नहीं उठाए हैं।
हलवाई की दुकानों या बड़े रेस्टोरेंटों में पर धड़ल्ले से हो रहा है। यहां
पर एक हजार से 1250 रुपए में घरेलू सिलेंडरों की सप्लाई की जा रही है। इसकी
शिकायतें जिला फूड एंड सप्लाई विभाग के कंट्रोलर के कानों तक भी पहुंची
हैं, लेकिन फिर भी अभी विभाग ने उचित कदम नहीं उठाए हैं।
अब घरेलू गैस का कॉमर्शियल इस्तेमाल नादानी
950 से 1250 रुपए तक का सिलेंडर लेने वाले उपभोक्ता यह नहीं जानते कि
यदि वह घरेलू गैस की बजाय कॉमर्शियल सिलेंडरों का इस्तेमाल करें तो यह भी
इन्हीं दामों पर उपलब्ध होगा। वह शायद यह नहीं जानते कि यह गैस उन्हें 88
रुपए प्रति किलो के हिसाब से मिल रही है। 19 किलो वाले कॉमर्शियल गैस
सिलेंडर की कीमत 1727 रुपए है, जो 91 रुपए प्रति किलो में पड़ रही है।
यदि वह घरेलू गैस की बजाय कॉमर्शियल सिलेंडरों का इस्तेमाल करें तो यह भी
इन्हीं दामों पर उपलब्ध होगा। वह शायद यह नहीं जानते कि यह गैस उन्हें 88
रुपए प्रति किलो के हिसाब से मिल रही है। 19 किलो वाले कॉमर्शियल गैस
सिलेंडर की कीमत 1727 रुपए है, जो 91 रुपए प्रति किलो में पड़ रही है।
कालाबाजारी रोकना डीएफएससी का काम
गैस एजेंसियों के मिले आंकड़ों के अनुसार अभी तक कॉमर्शियल गैस की
मांग में कुछ खास सुधार नहीं हुआ है। इंडियन आयल के जिले में एक मात्र
अधिकारी राजीव शर्मा के पास इसकी सूचना तक नहीं है कि दो माह में कॉमर्शियल
गैस कनेक्शनों की मांग कितने प्रतिशत बढ़ी है। वह यह भी कहते हैं कि घरेलू
गैस की कालाबाजारी को रोकना डीएफएससी विभाग का काम है, उनका नहीं।
मांग में कुछ खास सुधार नहीं हुआ है। इंडियन आयल के जिले में एक मात्र
अधिकारी राजीव शर्मा के पास इसकी सूचना तक नहीं है कि दो माह में कॉमर्शियल
गैस कनेक्शनों की मांग कितने प्रतिशत बढ़ी है। वह यह भी कहते हैं कि घरेलू
गैस की कालाबाजारी को रोकना डीएफएससी विभाग का काम है, उनका नहीं।
सिंगल कनेक्शन में केवाईसी की जरूरत नहीं
सिक्का गैस एजेंसी के मालिक अनुज सिक्का के अनुसार केवाईसी को लेकर
लोगों में हड़कंप मचा है। एक ही नाम या पते पर एक से अधिक कनैक्शन चलाने
वाले उपभोक्ताओं के लिए यह फार्म भरना अनिवार्य है। अन्य उपभोक्ताओं के लिए
केवाईसी जरूरी नहीं है। इस फार्म को जमा कराने अंतिम तिथि 15 नवंबर है।
लोगों में हड़कंप मचा है। एक ही नाम या पते पर एक से अधिक कनैक्शन चलाने
वाले उपभोक्ताओं के लिए यह फार्म भरना अनिवार्य है। अन्य उपभोक्ताओं के लिए
केवाईसी जरूरी नहीं है। इस फार्म को जमा कराने अंतिम तिथि 15 नवंबर है।
अब गैस एजेंसियों को चार तरह के सिलेंडरों की सप्लाई हो रही है। पहला
सब्सिडी रेटों पर, दूसरा नॉन सब्सिडी रेटों पर, तीसरा एक्जंप्ट केटेगरी और
चौथा कमर्शियल। अब गैस एजेंसियों का साफ्टवेयर ही इस तरह से डेवलप कर दिया
गया है कि सबसिडी रेटों के सिलेंडरों की संख्या पूरी होने पर कंप्यूटरही
नान सबसिडी रेट की पर्ची काट देगा।
सब्सिडी रेटों पर, दूसरा नॉन सब्सिडी रेटों पर, तीसरा एक्जंप्ट केटेगरी और
चौथा कमर्शियल। अब गैस एजेंसियों का साफ्टवेयर ही इस तरह से डेवलप कर दिया
गया है कि सबसिडी रेटों के सिलेंडरों की संख्या पूरी होने पर कंप्यूटरही
नान सबसिडी रेट की पर्ची काट देगा।
शुरू करेंगे छापेमारी अभियान
घरेलू गैस का दुरुपयोग रोकने की खाद्य आपूर्ति विभाग की है, लेकि लंबे
समय से विभाग ने कोई छापामारी नहीं की है। हालांकि विभाग के कंट्रोलर डा.
राकेश सिंघला कहते हैं कि अगले सप्ताह से छापामारी अभियान शुरू किया जाएगा।
वह मानते हैं कि महंगा सिलेंडर बेचे जाने की सूचनाएं उन्हें भी मिली हैं।
गैस एजेंसियों और विभाग में तालमेल के अभाव के कारण जनता को परेशानी हो रही
है।
समय से विभाग ने कोई छापामारी नहीं की है। हालांकि विभाग के कंट्रोलर डा.
राकेश सिंघला कहते हैं कि अगले सप्ताह से छापामारी अभियान शुरू किया जाएगा।
वह मानते हैं कि महंगा सिलेंडर बेचे जाने की सूचनाएं उन्हें भी मिली हैं।
गैस एजेंसियों और विभाग में तालमेल के अभाव के कारण जनता को परेशानी हो रही
है।