किसान को पता नहीं और केसीसी से उठा लिया लोन

मेड़ता सिटी.नागौर आंचलिक ग्रामीण बैंक की जसनगर शाखा में एक
किसान पुरखाराम के नाम से फर्जी तरीके से कागजात तैयार कर किसान क्रेडिट
कार्ड बनाने व 50 हजार का ऋण उठाने का मामला सामने आया है। मामला 2002 का
है। किसान को 2005 में पता चला जब बैंक का बकाया वसूली का नोटिस आया।

पीडि़त ने मेड़ता सिटी थाने में बैंक के तात्कालीन शाखा प्रबंधक गोपाराम
भाटी व दो अन्य लोगों के खिलाफ इस्तगासे के जरिए गुरुवार को रिपोर्ट दर्ज
कराई है। पुलिस के अनुसार जसनगर निवासी पुरखाराम (62) पुत्र श्रीराम कुमावत
ने रिपोर्ट दी कि नागौर आंचलिक ग्रामीण बैंक के तात्कालीन शाखा प्रबंधक
गोपाराम भाटी, जसनगर निवासी रामपाल जाट व गेमलियावास निवासी रामपाल जाट ने
सन 2002 में फर्जी तरीके से उसके नाम का किसान क्रेडिट कार्ड बनाकर 50 हजार
रुपए का ऋण उठा लिया।

 

तीन साल बाद 15 जनवरी 2005 को जब बैंक का बकाया वसूली का नोटिस उसके पास
पहुंचा तब उसे इस बात का पता चला। इसके बाद उसने बैंक के आला अधिकारियों
से बातचीत की लेकिन कहीं भी सुनवाई नहीं हुई।


जमीन किसी और के नाम


मजे की बात यह है कि बैंक के रिकार्ड में जिस जमीन पर केसीसी बनाया गया है
वह किसी और की है। रिपोर्ट में दी जानकारी के अनुसार रिकार्ड में खसरा नंबर
22 के नाम केसीसी बना है। जबकि रिकार्ड में यह जमीन सोहन सिंह, मदनसिंह,
सुगनसिंह आदि के नाम है। बाद में कांट-छांट कर खसरा नंबर 192/1 लिखा गया
है।


एक ही दिन में हो गई सारी कार्रवाई :

प्राथमिकी में परिवादी ने बताया कि 13 जून 2002 को केसीसी के लिए आवेदन
पेश किया गया। इसी दिन इसकी स्वीकृति जारी कर दी गई और 25 हजार रुपए का चैक
बैंक द्वारा जारी कर दिया गया। शेष 25 हजार रुपए का चैक 20 जून 2002 को
जारी किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *