अब मुसीबत में पड़ सकते हैं स्कूल से गायब रहने वाले विद्यार्थी!

अजमेर.कक्षा
एक से लेकर आठ तक की कक्षाओं में प्रवेश ले लो और स्कूल जाओ या ना जाओ पर
उन्हें पास किया ही जाएगा। सरकार ने अभिभावकों व शिक्षकों का यह मुगालता
दूर कर दिया है। लगातार 45 दिनों तक स्कूल से गैरहाजिर रहने वाले ऐसे
छात्रों को स्कूल से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।

 
ड्रॉपआउट
मानते हुए ऐसे विद्यार्थियों को आयु अनुरूप पुन: प्रवेश की कार्यवाही की
जाकर उसे विशेष प्रशिक्षण के माध्यम से उस कक्षा के स्तर तक लाया जाएगा।
सरकार ने प्रारंभिक शिक्षा परीक्षा एवं कक्षा उन्नति नियम लागू कर दिया गया
है। सरकार की गाइड लाइन आने के बाद अब स्कूल प्रशासन विद्यार्थी का
मूल्यांकन कर सकेगा।

 
इन स्कूलों में लागू हुए नियम :
 
नियम
सभी राजकीय एवं मान्यता प्राप्त प्राथमिक विद्यालयों, उच्च प्राथमिक
विद्यालयों, संस्कृत शिक्षा के विद्यालयों, शिक्षाकर्मी बोर्ड द्वारा
संचालित विद्यालयों, पंजीकृत मदरसों तथा राजकीय माध्यमिक व उमावि की कक्षा 1
से 8 पर लागू होंगे।

 
असमंजस में थे संस्था प्रधान :
 
अब
तक संस्था प्रधानों के सामने छात्रों के लगातार गैरहाजिर रहने पर भी नाम
काटने और बगैर पढ़े-लिखे ही पास करने की मुसीबत थी, लेकिन 45 दिन लगातार
स्कूल नहीं आने पर विद्यार्थी को ड्रॉपआउट मान लिया जाएगा।

 
दिया जाएगा प्रशिक्षण :
 
ऐसे
छात्रों को एसएसए द्वारा चलाए जाने वाले शिविरों के जरिए विशेष प्रशिक्षण
देकर उस कक्षा के स्तर तक लाया जाएगा। कक्षा 1 से 8 तक की परीक्षा के लिए
भी विद्यार्थियों की न्यूनतम उपस्थिति 70 प्रतिशत अनिवार्य मानी जाएगी।
इसके साथ ही प्रत्येक सामयिक परख व अर्धवार्षिक परीक्षा के बाद उन
विद्यार्थियों को जिन्होंने अपेक्षित स्तर प्राप्त नहीं किया है, शिक्षकों
द्वारा उन्हें भी अतिरिक्तशिक्षण दिया जाएगा। अतिरिक्त शिक्षण के बाद
विद्यार्थियों की पुन: जांच होगी तथा जांच के परिणाम को मूल्यांकन का आधार
मानकर प्रगति पत्र में प्रविष्टि की जाएगी।

 
होगी विशेष परीक्षा :
 
वार्षिक
परीक्षा में सम्मिलित होने योग्य विद्यार्थी यदि वार्षिक परीक्षा में
रुग्णता प्रमाण पत्र अथवा युक्तियुक्तकारण का प्रार्थना पत्र देता है या
फिर किसी विषय विशेष में ई ग्रेड प्राप्त करता है तो उसे उन सभी विषयों में
1 से 15 मई की अवधि में अतिरिक्त शिक्षण देकर अन्य विद्यार्थियों के स्तर
तक लाया जाएगा। इसकी जांच स्कूल स्तर पर विशेष परीक्षा से होगी। यदि कोई
विद्यार्थी अपेक्षित स्तर प्राप्त नहीं करता है तो उसे आगामी सत्र में अगली
कक्षा के साथ उन विषयों का भी शिक्षण दिया जाएगा।

 
अर्धवार्षिक तक प्रगति पत्र, बाद में देंगे ग्रेड :
 
संस्था
प्रधान द्वारा सामयिक परख व अर्धवार्षिक का परीक्षा परिणाम का प्रगति पत्र
अभिभावकों को विद्यालय बुलाकर दिखाना होगा।वार्षिक परीक्षाओं के बाद
प्राप्तांकों के योग के आधार पर विद्यार्थियों को डिवीजन नहीं देकर ग्रेड
दी जाएगी, लेकिन नियमित विद्यार्थियों को उत्तीर्ण या प्रोन्नत घोषित किया
जाएगा।

 
दस प्रतिशत छूट :
 
विभिन्न कारणों से वार्षिक
परीक्षा में बैठाने के लिए संस्था प्रधान 10 प्रतिशत की छूट दे सकेंगे।
कक्षा 1 से 8 की परीक्षाओं में भी केवल वही विद्यार्थी प्रविष्ट हो सकेंगे,
जिन्होंने नियमित विद्यार्थी के रूप में सत्र र्पयत अध्ययन किया हो।

 
संस्था प्रधानों को मिलेगी राहत
 
‘आरटीई
के तहत अब तक स्कूलों में छात्रों के अनुपस्थित रहने की सूरत में उठाए
जाने वाले कदम को लेकर असमंजस बना हुआ था। इसके अलावा परीक्षाओं को लेकर भी
स्थिति स्पष्ट नहीं थी। परीक्षा एवं कक्षा उन्नति नियम लागू होने से
संस्था प्रधानों को भी राहत मिल सकेगी।’

 
राजेश तिवारी, आरटीई, अधिकारी
 
यूं दी जाएगी ग्रेड
 
क्रसं प्राप्तांकों का प्रतिशत ग्रेड
 
1. 0 से 30 प्रतिशत तक ई
 
2. 31 से 50 प्रतिशत तक डी
 
3. 51 से 70 प्रतिशत तक सी
 
4. 71 से 85 प्रतिशत तक बी
 
5. 86 से 100 प्रतिशत तक ए

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