चंडीगढ़, 16 अक्तूबर (एजेंसी) राबर्ट वड्रा से जुड़े भूमि सौदा विवाद में एक नया मोड़ आ गया जिसके तहत हरियाणा के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने उनका तबादला किये जाने के बाद प्रमुख रियल्टी समूह डीएलएफ को तीन एकड़ जमीन की बिक्री को रद्द कर दिया।
हरियाणा के चार जिलों में कांगे्रस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद वड्रा के सभी भूमि सौदों की जांच के आदेश के बाद खेमका को महानिरीक्षक पंजीकरण के पद से हटा दिया है। खेमका ने सरकार पर पलटवार करते हुए कहा है, ‘‘ईमानदार होने और घोटालों को बेनकाब करने के कारण उन्हें दंड़ित किया जाना पूरी तरह से अनुचित है।’’
खेमका 1991 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और उन्होंने दावा किया कि 20 सालों में उनका यह 43वां तबादला है। उन्होंने मानेसर शिखोपुर में उस 3.5 एकड़ भूखंड की तब्दीली को रद्द करने का आदेश दिया था जिसे वड्रा ने डीएलएफ को बेचा था।
पिछले हफ्ते के अंत की तरफ जांच को आगे बढ़ाते हुए खेमका ने एक पत्र जारी किया। इसमें ‘‘वेंडर या वेंडी के रूप में श्री राबर्ट
वड्रा या उनकी कंपनियों द्वारा कुछ संपत्तियों का कथित रूप से कम मूल्यांकन
किये जाने की’’ औपचारिक रूप से जांच कराने के आदेश जारी किये गये थे। पत्र
में वड्रा के खिलाफ कार्यकर्ता अरविन्द केजरीवाल के आरोपों पर भी ध्यान
दिया गया है।
इस मुद्दे के गर्माने और इस कदम पर हरियाणा सरकार की
आलोचना होने के बीच मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कहा कि तबादला
करना सरकार का विशेषाधिकार है।
हुड्डा ने कहा कि यदि भूमि सौदों के
बारे में किये गये दावे सही पाये गये तो दोषी पाये जाने वाले किसी भी
व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।
हरियाणा के मुख्य सचिव पी के
चौधरी को लिखे पत्र में खेमका ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि अधिकारों के
प्रयोग की आड़ में भूमि के सुदृढ़ीकरण के घोटाले के बेनकाब होने से प्रभावित
राजनीतिक..नौकरशाही तंत्र के ‘‘कुछ निहित स्वार्थी तत्वों’’ ने उन्हें
दंडित करने के लिए ‘‘जानबूझ कर एवं दुर्भावनापूर्ण’’ कदम उठाया है।
हरियाणा के चार जिलों में कांगे्रस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद वड्रा के सभी भूमि सौदों की जांच के आदेश के बाद खेमका को महानिरीक्षक पंजीकरण के पद से हटा दिया है। खेमका ने सरकार पर पलटवार करते हुए कहा है, ‘‘ईमानदार होने और घोटालों को बेनकाब करने के कारण उन्हें दंड़ित किया जाना पूरी तरह से अनुचित है।’’
खेमका 1991 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और उन्होंने दावा किया कि 20 सालों में उनका यह 43वां तबादला है। उन्होंने मानेसर शिखोपुर में उस 3.5 एकड़ भूखंड की तब्दीली को रद्द करने का आदेश दिया था जिसे वड्रा ने डीएलएफ को बेचा था।
पिछले हफ्ते के अंत की तरफ जांच को आगे बढ़ाते हुए खेमका ने एक पत्र जारी किया। इसमें ‘‘वेंडर या वेंडी के रूप में श्री राबर्ट
वड्रा या उनकी कंपनियों द्वारा कुछ संपत्तियों का कथित रूप से कम मूल्यांकन
किये जाने की’’ औपचारिक रूप से जांच कराने के आदेश जारी किये गये थे। पत्र
में वड्रा के खिलाफ कार्यकर्ता अरविन्द केजरीवाल के आरोपों पर भी ध्यान
दिया गया है।
इस मुद्दे के गर्माने और इस कदम पर हरियाणा सरकार की
आलोचना होने के बीच मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कहा कि तबादला
करना सरकार का विशेषाधिकार है।
हुड्डा ने कहा कि यदि भूमि सौदों के
बारे में किये गये दावे सही पाये गये तो दोषी पाये जाने वाले किसी भी
व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।
हरियाणा के मुख्य सचिव पी के
चौधरी को लिखे पत्र में खेमका ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि अधिकारों के
प्रयोग की आड़ में भूमि के सुदृढ़ीकरण के घोटाले के बेनकाब होने से प्रभावित
राजनीतिक..नौकरशाही तंत्र के ‘‘कुछ निहित स्वार्थी तत्वों’’ ने उन्हें
दंडित करने के लिए ‘‘जानबूझ कर एवं दुर्भावनापूर्ण’’ कदम उठाया है।