जयराम रमेश के पत्र पर भड़कीं ममता बनर्जी

कोलकाता, 21 अक्तबूर (जनसत्ता)। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्रीय
ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश के उस पत्र पर कड़ी नाराजगी जताई है।
जिसमें रमेश ने लिखा था कि ‘दिल्ली की दिमागी रूप से मृत सरकार’ पश्चिम
बंगाल के लोगों की जरूरतों के प्रति संवेदनशील है। रमेश ने यह पत्र पिछले
दिनों वर्ष 2012-13 के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी
योजना (मनरेगा) के तहत पश्चिम बंगाल के लिए छठवीं किश्त की रकम जारी करने
के बारे में ममता बनर्जी को सूचित करने के लिए लिखा था। इसके तहत राज्य के
लिए 601.2 करोड़ रुपए की रकम जारी की गई थी। ममता को लिखे पत्र में केंद्रीय
ग्रामीण विकास मंत्री ने लिखा था-घटनाक्रम में, क्या मैं यह जोड़ सकता हूं
कि केंद्र की इस पहल से पता चलता है कि दिल्ली की तथाकथित ‘दिमागी रूप से
मृत सरकार’ पश्चिम बंगाल के लोगों की जरूरतों के प्रति कितनी संवेदनशील है।
पत्र में रमेश ने ममता को यह भी सूचित किया था कि मनरेगा के तहत पश्चिम बंगाल को अब तक कुल 2655.2 करोड़ रुपए मिल चुके हैं।
इस
पत्र पर गहरी नाराजगी जताते हुए ममता बनर्जी ने शनिवार को अपने फेसबुक पर
लिखा कि केंद्रीय मंत्री का यह बयान (दिल्ली की दिमागी रूप से मृत सरकार)
प्रतिशोधात्मक, गैर आचरणपूर्ण और असंवैधानिक है। मैं यह देखकर सकते में आ
गई हूं कि एक केंद्रीय मंत्री कैसे एक राज्य सरकार के बारे में इस तरह के
अरुचिकर बयान दे सकता है।
इस तरह का बयान एक गलत परंपरा डालता है। साथ ही यह हमारे देश के स्वस्थ लोकतंत्र के लिए भी कलंकपूर्ण है।
ममता
ने जयराम रमेश को याद दिलाते हुए कहा कि मनरेगा जैसी स्कीम के तहत केंद्र
द्वारा दिया गया फंड सभी राज्यों को योजनाओं को लागू करने के लिए जारी किया
जाता है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय योजनाओं के लिए फंड जारी करना कोई दान
नहीं होता। यह पूरी तरह से सरकार का काम है।

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