भाकियू के लाठीबंद किसान करेंगे केजरीवाल की हिफाजत

फर्रुखाबाद, 21 अक्तूबर (एजेंसी) भारतीय किसान यूनियन :टिकैत गुट: ने
इंडिया अगेंस्ट करप्शन :आईएसी: के नेता अरविंद केजरीवाल को फर्रुखाबाद से
सुरक्षित वापस जाने की कथित चुनौती देने वाले केन्रदीय कानून मंत्री सलमान
खुर्शीद की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि यूनियन के लाठीबंद किसान आगामी एक
नवम्बर को केजरीवाल की फर्रुखाबाद यात्रा के दौरान उनकी सुरक्षा करेंगे।

भारतीय किसान यूनियन :टिकैत गुट: के महासचिव लक्ष्मीशंकर जोशी ने आज
यहां बताया कि संगठन की कल हुई आपात बैठक में यूनियन कार्यकर्ताओं ने
खुर्शीद द्वारा केजरीवाल को कथित तौर पर धमकी दिये जाने की निंदा की और कहा
कि उनकी तंजीम आईएसी नेता का बाल भी बांका नहीं होने देगी।
उन्होंने
बताया कि केजरीवाल तथा उनके सहयोगियों की आगामी एक नवम्बर को खुर्शीद के
गृह जनपद फर्रुखाबाद यात्रा के दौरान लाठी लिये यूनियन के बंद किसानों की
टोली उनकी सुरक्षा में तैनात रहेगी और जो भी तत्व किसी भी तरह की गड़बड़ी की
कोशिश करेंगे उन्हें उन्हीं की भाषा में जवाब दिया जाएगा।
दूसरी ओर,
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने भी आगाह किया है कि केजरीवाल के आगमन पर
अगर किसी तरह का व्यवधान डालने की कोशिश की गयी तो उसका अंजाम बुरा होगा।
गौरतलब है कि अपने डाक्टर जाकिर हुसैन ट्रस्ट द्वारा विकलांगों की कल्याणकारी योजनाओं का धन गलत
तरीके से निकालकर हड़पने के आरोपों से घिरे केन््रदीय कानून मंत्री सलमान
खुर्शीद ने दो दिन पहले कहा था कि केजरीवाल फर्रुखाबाद से सही-सलामत वापस
जाकर दिखाएं।
केजरीवाल की अगुवाई में इंडिया अगेंस्ट करप्शन के
कार्यकर्ताओं का आगामी एक नवम्बर को खुर्शीद के गृह जनपद तथा संसदीय
निर्वाचन क्षेत्र फर्रुखाबाद जाकर धरना देने तथा उनके ट्रस्ट द्वारा किये
गये कथित घपले के और दस्तावेजी सुबूत जनता के सामने रखने का कार्यक्रम है।
इस
बीच, फर्रुखाबाद केजरीवाल तथा खुर्शीद समर्थकों की जंग का अखाड़ा भी बनता
जा रहा है। दोनों के चाहने वालों में एक-दूसरे के नेताओं के पुतले फूंकने
की होड़ लग गयी है।
सूत्रों के मुताबिक जिले के ग्रामीण अंचलों तक फैले
‘पुतला फूंक आंदोलनों’ ने सामान्य जनता और कारोबारियों की नींद हराम कर रखी
है। इसकी वजह से कानून-व्यवस्था पर आंच आने के आसार पैदा हो गये हैं लेकिन
जिला प्रशासन फिलहाल कोई कार्रवाई करता नहीं दिखता।
इंडिया अगेंस्ट
करप्शन के आंदोलन में रोज नयी कड़ियां जुड़ती जा रही हैं। बड़ी संख्या में
युवाओं तथा महिलाओं के जुड़ने से आंदोलन दिन-ब-दिन तेजी पकड़ रहा है। वहीं
खुर्शीद की हिमायत में भी अल्पसंख्यकों के कुछ संगठनों समेत कई तंजीमें कूद
पड़ी हैं।

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