नयी दिल्ली, 18 अक्तूबर :भाषा: कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य
मंत्री हरीश रावत ने भारत और दक्षिण पूर्व एशियायी क्षेत्रीय समूह के देशों
के बीच व्यापार का उचित मॉडल तैयार किये जाने पर जोर देते हुये कहा कि
दोनों क्षेत्रों के बीच कृषि व्यापार के विस्तार की बड़ी संभावनायें हैं।
भारत..आसियान क्षेत्र कृषि उत्पाद व्यापार पर राजधानी में चल रहे
सम्मेलन एवं प्रदर्शनी के एक सत्र को संबोधित करते हुये रावत ने आज कहा,
‘‘भारत और आसियान के बीच कृषि व्यापार के विस्तार की अच्छी संभावनायें हैं।
द्विपक्षीय व्यापार की नीतियों को इस तरह बनाया जाना चाहिये ताकि कृषि
व्यापार से दोनों पक्षों को लाभ मिले।’’
दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के संघ :आसियान: में इंडोनेशिया, मलेशिया, वियतनाम, कंबोडिया, फिलीपींस सहित 10 देश शामिल हैं। इन देशों के साथ कृषि उत्पादों के क्षेत्र में दुतरफा सहयोग बढ़ाने के लिये सम्मेलन एवं प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है।
रावत ने कहा ‘‘कृषि उत्पादों में व्यापार बढ़ाने के अलावा दोनों पक्षों के
बीच कृषि अनुसंधान, शिक्षा के क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाया जा सकता है। भारत
में हर साल 20 हजार से अधिक कृषि स्नातक और 1200 से अधिक लोग पीएचडी करके
निकलते हैं। हमारे पास प्रशिक्षित लोगों की कमी नहीं है।’’
कृषि राज्य
मंत्री ने कहा ‘‘कृषि क्षेत्र के व्यापार में हम किसान को बड़ा पक्ष मानते
हैं। हमारा कृषि अनुसंधान, कृषि विकास और उसके विपणन की नीति, सभी कुछ
किसानों के हित पर केंद्रित है। हम चाहते हैं कि किसान को बाजार से अच्छे
दाम मिलें और विपणन सुविधा बेहतर हो । हम कृषि प्रसंसकरण पर भी पूरा जोर
दे रहे हैं। ‘‘
मंत्री हरीश रावत ने भारत और दक्षिण पूर्व एशियायी क्षेत्रीय समूह के देशों
के बीच व्यापार का उचित मॉडल तैयार किये जाने पर जोर देते हुये कहा कि
दोनों क्षेत्रों के बीच कृषि व्यापार के विस्तार की बड़ी संभावनायें हैं।
भारत..आसियान क्षेत्र कृषि उत्पाद व्यापार पर राजधानी में चल रहे
सम्मेलन एवं प्रदर्शनी के एक सत्र को संबोधित करते हुये रावत ने आज कहा,
‘‘भारत और आसियान के बीच कृषि व्यापार के विस्तार की अच्छी संभावनायें हैं।
द्विपक्षीय व्यापार की नीतियों को इस तरह बनाया जाना चाहिये ताकि कृषि
व्यापार से दोनों पक्षों को लाभ मिले।’’
दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के संघ :आसियान: में इंडोनेशिया, मलेशिया, वियतनाम, कंबोडिया, फिलीपींस सहित 10 देश शामिल हैं। इन देशों के साथ कृषि उत्पादों के क्षेत्र में दुतरफा सहयोग बढ़ाने के लिये सम्मेलन एवं प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है।
रावत ने कहा ‘‘कृषि उत्पादों में व्यापार बढ़ाने के अलावा दोनों पक्षों के
बीच कृषि अनुसंधान, शिक्षा के क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाया जा सकता है। भारत
में हर साल 20 हजार से अधिक कृषि स्नातक और 1200 से अधिक लोग पीएचडी करके
निकलते हैं। हमारे पास प्रशिक्षित लोगों की कमी नहीं है।’’
कृषि राज्य
मंत्री ने कहा ‘‘कृषि क्षेत्र के व्यापार में हम किसान को बड़ा पक्ष मानते
हैं। हमारा कृषि अनुसंधान, कृषि विकास और उसके विपणन की नीति, सभी कुछ
किसानों के हित पर केंद्रित है। हम चाहते हैं कि किसान को बाजार से अच्छे
दाम मिलें और विपणन सुविधा बेहतर हो । हम कृषि प्रसंसकरण पर भी पूरा जोर
दे रहे हैं। ‘‘