देहरादून, 18 अक्तूबर (एजेंसी)। उत्तराखंड सरकार ने तंबाकू और निकोटिन
युक्त गुटखा, पान मसाला या बाजार में किसी भी नाम से उपलब्ध इसी तरह के
दूसरे खाद्य पदार्थों के निर्माण, भंडारण, वितरण और बिक्री को राज्य में एक
साल के लिए प्रतिबंधित करने संबंधी आदेश पर कैबिनेट की मंजूरी मिलने तक के
लिए रोक लगा दी है।
उत्तराखंड के खाद्य सुरक्षा आयुक्त डा रणबीर सिंह ने बुधवार को यहां
बताया कि गुटखा, पान मसाला और बाजार में बिकने वाले इसी तरह के अन्य
पदार्थों पर प्रतिबंध संबंधी मामला पहले कैबिनेट की अगली बैठक में रखा
जाएगा और वहां से मंजूरी मिलने के बाद ही इस आदेश पर अमल होगा।
तंबाकू
और निकोटिन युक्त गुटखा और पान मसाले पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाए
जाने संबंधी आदेश के मंगलवार रात जारी होने के कुछ घंटों के बाद ही इस के
अमल पर कैबिनेट की मंजूरी मिलने तक के लिए रोक लगा दी गई है।
सिंह
ने खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अधीन अपनी शक्तियों का प्रयोग
करते हुए राज्य में तंबाकू और निकोटिनयुक्त गुटखा, पान मसाला और बाजार में
बिकने वाले इसी तरह के दूसरे खाद्य पदार्थों के उत्पादन, भंडारण व विक्रय
पर आगामी एक साल के लिए प्रतिबंध संबंधी आदेश जारी किया था।
सिंह के
अनुसार, इस समय उत्तराखंड में लगभग 30 लाख लोग तंबाकू का सेवन कर रहे हैं,
जो राज्य की कुल जनसंख्या का 30.7 फीसद है। उन्होंने बताया कि तंबाकू से
बने खाद्य पदार्थ खाने से हर साल नौ लाख और प्रतिदिन 2200 से ज्यादा भारतीय
अपनी जान गंवा देते हैं। गुटखा और पान मसाले में तंबाकू के अलावा निकोटिन,
टार, बेंजीन, आर्सेनिक, कैडमियम, निकल और जिंक जैसे खतरनाक और जहरीले
रसायनों का प्रयोग किया जाता है, जिससे कैंसर जैसी लाइलाज बीमारियां हो
सकती हैं।
तंबाकू युक्त पदार्थों को चबाने से लिवर, प्रोस्टेट, फेफड़े, उच्च रक्तचाप, दांतों और मसूड़ों की खराबी और अन्य बीमारियां हो जाती हैं।