जयपुर. जिले की एसीजेएम कोर्ट (क्रम 2) ने जमवारामगढ़ के बिरासना
पंचायत की महिला सरपंच के दो से अधिक संतान होने पर उसके निर्वाचन को अवैध
करार दिया है। कोर्ट ने ये आदेश रुक्मणी की याचिका पर दिया।
रुक्मणी ने कोर्ट को बताया कि महिला सरपंच आशा देवी पांच बच्चों की मां
है। 4 फरवरी, 2010 को हुए पंचायत चुनाव में योग्य होने के लिए उसने बच्चों
के स्कूलों में फर्जी शपथ पेश किए। जबकि अधिनियम के अनुसार 27 नवंबर, 1995
के बाद दो से अधिक संतान होने पर आशा देवी संरपच का चुनाव लडऩे के योग्य
नहीं थी। खुद को नियमों के दायरे में लाने के लिए उसने अपने बच्चों की
जन्मतिथि के फर्जी कागजात तैयार किए और झूठा शपठ पत्र भी दे दिया।
कोर्ट में दिए बयानों में सरपंच ने खुद को अनपढ़ बताया वहीं झूठे तथ्यों
को सही साबित करने का प्रयास किया। कोर्ट ने बयानो व तथ्यों में अंतर पाए
जाने पर उसे सरपंच पद के लिए अयोग्य करार कर दिया। ये है नियमः राजस्थान
पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 19(ठ) में यह प्रावधान है कि पंचायत राज
संस्थाओं में (पंच,सरपंच आदि)निर्वाचन के लिए ऐसा व्यक्ति ही योग्य होगा,
जिसके दो से अधिक संतान नहीं है।