घोटाले रोकेगा नया स्मार्ट कार्ड, नहीं की जा सकेगी धोखाधड़ी

रायपुर.  घोटाले रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग हेल्थ स्मार्ट
कार्ड की तकनीक बदलने जा रहा है। नवंबर से नए हेल्थ कार्ड बनाए जाएंगे। 
उसकी आधुनिक तकनीक के कोड को तोडऩा आसान नहीं होगा। कोई भी उस कार्ड का
डुप्लीकेट नहीं बना सकेगा। स्मार्ट कार्ड में मरीजों की पहचान और अंगूठे का
निशान इतना स्पष्ट रहेगा कि गड़बड़ी  की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाय) के तहत अभी उपयोग किए जा
रहे कार्ड एक निजी कंपनी के माध्यम से बनवाए गए हैं। नए कार्ड का सॉफ्टवेयर
एनआईसी के माध्यम से बनवाया जा रहा है। अभी 32 केबी की क्षमता वाले कार्ड
हैं।

नए बनने वाले कार्ड में इसकी क्षमता बढ़ाकर 64 केबी कर दी जाएगी। क्षमता
बढऩे से कार्ड में ज्यादा सदस्यों की फोटो होने के साथ-साथ अंगूठे का
निशान बिलकुल क्लियर रहेगा। एक अंगूठे का निशान कई बार तकनीकी कारणों से
बॉयोमीट्रिक जैसे सिस्टम में काम नहीं करता। इससे कार्डधारी को ही दिक्कत
का सामना करना पड़ता है।

नए कार्ड में अंगूठे के निशान की तकनीकी खामी दूर करने के लिए एक
व्यक्ति का तीन बार अंगूठे का निशान लिया जाएगा। इसका फायदा यह होगा कि एक
बार अंगूठे के निशान का मिलान न होने पर दूसरी-तीसरी बार चेक किया जा सकता
है।

इससे अंगूठे के निशान का मिलान करने में परेशानी नहीं होगी। इस सिस्टम
को पूरी तरह से अमल में लाने के लिए प्रत्येक स्मार्टकार्ड धारी के नए
कार्ड बनाए जाएंगे। पुराने कार्ड को स्वास्थ्य विभाग अपने पास जमा करेगा।
नए हेल्थ स्मार्ट कार्ड में परिवार के मुखिया के सदस्य की फोटो बेहद क्लियर
रहेगी। फोटो के मिलान में किसी तरह की दिक्कत न होने से कोई दूसरा उसका
उपयोग नहीं कर सकेगा।

इसलिए पड़ी जरूरत


आरएसबीवाय योजना शुरू होने के बाद से अब तक फर्जीवाड़े के कई केस सामने आ
गए हैं। पिछले दिनों बांठिया नर्सिंग होम में छह लाख का घोटाला सामने आया।
उसके पहले अंबिकापुर के एक नेत्र चिकित्सालय में 24 लाख का गोलमाल उजागर
हुआ था।

भास्कर की जांच में पता चला है कि अब तक आरएसबीवाय स्कीम में 64 से
ज्यादा नर्सिंग होम में घोटाला हो चुका है। कहीं मरीज के अंगूठे का निशान
मिलान न होने का हवाला देकर धांधली कर दी जाती है तो कहीं फोटो। इसी तरह
डुप्लीकेट स्मार्ट कार्ड बनाने के केस भी सामने आए हैं। इन स्थितियों को
देखते हुए सिस्टम को मजबूत किया जा रहा है।

अब तक 17 लाख स्मार्ट कार्ड

राज्य में आरएसबीवाय योजना के तहत अभी 17 लाख गरीब परिवारों को स्मार्ट
कार्ड दिए गए हैं। यह कार्ड एक-एक साल की वैधता के आधार पर बनाए गए थे।
नवंबर में एक साल पूरा हो रहा है। अब नए स्मार्ट कार्ड दो साल की वैधता के
लिए बनाए जाएंगे।

गलती की संभावना रहेगी कम

आरएसबीवाय योजना के तहत नए कार्ड बनाए जाएंगे। इसकी तकनीक ऐसी इस्तेमाल होगी कि गड़बड़ी और गलती की संभावना कम रहेगी।


डा. कमलप्रीत सिंह, स्वास्थ्य संचालक

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *