पंचायत चुनाव हुए करीब पौने दो वर्ष बीत गये पर आज भी अधिकतर पंचायतों
का पंचायत सचिवालय मुखिया के आवास पर ही संचालित हो रहा है. कहीं पंचायत
भवन जर्जर होने तो कहीं निर्माण कार्य अधर में रहने के कारण मुखिया अपने
आवास में ही पंचायत संबंधी कार्य निबटाने को विवश हैं.
गिरिडीह के पंडरी, बड़कीटांड़, अहिल्यापुर, दासडीह, उदयपुर, चंपापुर,
बदगुंदा, र्कीबांक, बुधुडीह, जामजोरी, रसनजोरी, डोकीडीह, ताराटांड़ आदि को
ही लें तो यहां के मुखिया अपने आवास पर ही पंचायतों के अभिलेखन, योजना
संबंधी कागजात व अन्य सामग्री रख कर काम करने को मजबूर हैं. कई मुखियों ने
बताया कि उनका पंचायत भवन अपूर्ण है जिस कारण वे आवास में सारे कार्य
निबटाते हैं. जबकि कई ने पुराने पंचायत भवन की जर्जरता व चोरी के डर को
कारण बताते हुए आवास को सचिवालय बनाये जाने की बात स्वीकारी. पंडरी पंचायत
को ही लें तो यहां पंचायत भवन निर्माणाधीन है. जबकि पुराना पंचायत भवन काफी
जर्जर है. कुछ ऐसा ही हाल अहिल्यापुर की भी है.