की जमीन के पट्टों पर प्रतिबंध के बावजूद जिले की जौरा तहसील के सिहोरी,
तुस्सीपुरा, खाडौली, गुढ़ाचम्बल, वहराना सहित आसपास के गांवों में राजस्व
अधिकारियों ने पिछली तारीखों में फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेजों से कथित रूप
से करीब 500 बीघा सरकारी जमीनों के पट्टे किसानों के नाम कर दिए।
आयुक्त चंबल अशोक शिवहरे द्वारा ग्रामीणों द्वारा की गई शिकायत पर से
कराई जांच में यह खुलासा हुआ है। राजस्व अधिकारियों ने इन फर्जी पट्टों के
एवज में किसानों से लाखों रुपए बतौर रिश्वत हड़प लिए।
आयुक्त चंबल अशोक शिवहरे से मिलकर क्षेत्रीय
विधायक ऐदल सिंह कंषाना के नेतृत्व में आये सैकड़ों ग्रामीणों ने पिछले माह
शिकायत की थी कि जौरा तहसील में पदस्थ रहे तहसीलदार राजस्व निरीक्षक व
पटवारी ने पिछली तारीखों में कूटरचित कृषि पुस्तिकाओं और खसरों में सरकारी
जमीन को बतौर पट्टे के तौर पर शामिल कर उन्हें पट्टाधारी घोषित कर दिया है,
जबकि राजस्व अधिकारियोंं के पास इन पट्टों की न :न: तो कोई फाइल है और न
:न: ही उन तारीखों में पट्टों के ऐवज में जमा होने वाला प्रीमियम जमा है।