थानगढ़ (गुजरात)। सुरेंद्रनगर जिले के थानगढ़ कस्बे में पुलिस की
फायरिंग में तीन दलितों की मौत हो गई। दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। एक
दलित की मौत शनिवार और दो की मौत रविवार को हुई। मरने वालों में दो युवक
थे।
थानगढ़ कस्बे में शुक्रवार को मेला लगा था। यहां दो
गुटों में विवाद हुआ था। स्थिति नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग
करना पड़ा। इससे नाराज एक गुट के लोग विरोध जता रहे थे। लोगों ने पुलिस पर
पथराव कर दिया। इन्हें काबू करने पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी। इसमें एक की
मौत हो गई। रात भर कस्बे में तनाव रहा। रविवार दोपहर को फिर इसी गुट के लोग
भड़क गए। पुलिस को फिर फायरिंग करनी पड़ी। इसमें दो दलितों की मौत हो गई।
थान
में शुक्रवार को मेले में भरवाड -दलित वर्ग के लोगों के बीच किसी बात को
लेकर संघर्ष हुआ, जिसमें एक व्यक्ति घायल हुआ था। पीडि़त ने भरवाड समाज के
पांच लोगों के खिलाफ नामजद शिकायत की किंतु पुलिस ने बाद में कार्रवाई करने
की बात कही। इससे दलित समाज के लोग खफा हो गए। शनिवार रात ही करीब एक हजार
लोग इकट्ठे हुए और पुलिस के पास जाकर न्याय की मांग करने का मन बनाया।
स्थानीय
रेलवे फाटक के पास पुलिस और लोग आमने-सामने आ गए। पथराव शुरू होने पर
पुलिस ने गोलीबारी कर दी। इसमें एक व्यक्ति पंकज (17) मारा गया। रविवार
सुबह से थान में कफ्र्यू सा माहौल था। दोपहर में दलित समाज के लोगों ने खुद
के साथ अन्याय होने की बात पुलिस तक पहुंचाने का फैसला कर रैली के रूप में
थाने की ओर कूच कर दिया। बीच में पुन: पुलिस और दलित समाज के लोग आमने
सामने आ गए। पथराव के बाद पुलिस ने गोली चला दी। इसमें प्रकाश परमार (26)
और मेहुल राठौड (16) की मौत हो गई तथा अन्य दो जख्मी हो गए।
राजकोट
रेंज के आईजी प्रवीण सिन्हा ने प्रभावित इलाके का मुआयना करने के बाद कहा
कि 500 से 800 लोगों के पुलिस पर पथराव किया। पुलिस ने हालात पर काबू पाने
के लिए गोलीबारी की जिससे हादसा हो गया। इस बारे में जांच की जाएगी। जांच
के बाद ही सच्चाई सामने आ सकेगी। दोषियों के खिलाफ कानून कार्रवाई की
जाएगी।