24 घंटों का कृषि चैनल जल्द- पंकज कुमार सिंह

पटना : बिहार देश का पहला राज्य होगा, जहां कृषि के लिए 24 घंटे का टीवी
चैनल शुरू होगा. खेती-बाड़ी के साथ पुशपालन, मछलीपालन, मुरगीपालन,
मधुमक्खी पालन सहित कृषि से जुड़ीं सभी महत्वपूर्ण जानकारियां इस चैनल के
माध्यम से किसानों को दी जायेंगी.

चैनल पर कार्यक्रम देखने के लिए किसानों को किसी प्रकार की राशि का
भुगतान नहीं करना होगा. स्वास्थ्य से लेकर महिला और बच्चों के लिए भी
कार्यक्रम प्रसारित होंगे. मनोरंजक व ज्ञानवर्धक कार्यक्रम में दिखाये
जायेंगे. चैनल शुरू करने के लिए 27 करोड़ खर्च होंगे.

* कैबिनेट में भेजा जायेगा प्रस्ताव
इस योजना को अंतिम रूप देने की
कार्रवाई कृषि विभाग में चल रही है. जल्द ही कैबिनेट से मंजूरी मिलने के
बाद प्रसारण शुरू होगा. बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर चैनल का मुख्य
प्रसारण केंद्र होगा.

चैनल के लिए तकनीकी कर्मियों की सीधी नियुक्ति नहीं की जायेगी, बल्कि
आउटसोर्सिग के आधार पर काम कराया जायेगा. यहां अत्याधुनिक स्टूडियो में
विशेषज्ञ विभिन्न विषयों पर किसानों को सलाह देंगे.

कृषि से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में सफल किसानों और पशुपालकों की सफलता
की कहानी भी प्रसारित की जायेगी. सफल किसानों के खेत, तालाब और बगीचों से
किसानों को रू -ब-रू कराया जायेगा. फसल, फल, सब्जी आदि का उत्पादन बढ़ाने
के लिए किसानों को नयी-नयी जानकारी दी जायेगी.

मौसम के आधार पर किसानों पर खेती की जानकारी दी जायेगी. साथ ही फसल, फल
और सब्जी के पौधों में किसी प्रकार की बीमारी से बचाव के उपाय बताये
जायेंगे.

* योजनाओं की दी जायेगी जानकारी
चैनल के माध्यम से किसानों को कृषि,
पशुपालन, सहकारिता, सिंचाई सहित विभिन्न विभागों व गांव से जुड़ी योजनाओं
की जानकारी दी जायेगी. किसानों को बताया जायेगा कि वह किस प्रकार योजना का
लाभ ले सकेंगे.

कृषि रोड मैप से जुड़े सभी विभागों की योजनाओं पर फोकस करते हुए प्रगति
की जानकारी दी जायेगी. बिहार के दर्शनीय और पर्यटन योग्य स्थानों की भी
जानकारी प्रसारित की जायेगी. चैनल के लिए दो ओवी वैन होंगे. यह गांव और
खेतों तक जायेगा. वहां सफल किसानों के खेतों को दिखाते हुए इंटरव्यू
प्रसारित किये जायेंगे.

* लिया जायेगा फीडबैक
कृषि चैनल की शुरुआत बिहार में मील का पत्थर
साबित हो सकता है. राज्य के सभी कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिक
क्षेत्र में कृषि में हो रहे विकास या फसलों से संबंधित रोगों की जानकारी
देंगे.

किसानों से विभिन्न योजनाओं के लिए फीडबैक लिया जायेगा. स्कूली बच्चों
के लिए खेल-खेल में फसल, फल व सब्जी सहित विभिन्न प्रकार के पौधों को
पहचानने की कला सिखायी जायेगी. किसानों के मनोरंजन के लिए मनोरंजक व
ज्ञानवर्धक फिल्म और लोकगीतों का भी प्रसारण होगा.

* चैनल देखने के लिए खर्च नहीं करने होंगे रुपये
* खेतीबाड़ी से लेकर महिला व बच्चों के लिए प्रसारित होंगे कार्यक्रम
* पशुपालन, मछलीपालन, मुरगीपालन व मधुमक्खी पालन की मिलेगी जानकारी

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