नयी दिल्ली: डीजल के दामों में वृद्धि, खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष
विदेशी निवेश (एफडीआई) को मूंजरी और सब्सिडी वाले सिलेंडरों की संख्या घटाए
जाने के केंद्र के फैसले के खिलाफ राजग, वाम दलों और समाजवादी पार्टी
द्वारा आहूत बंद का आज देश में मिलाजुला असर देखने को मिला.
बंद के चलते राजधानी दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार,झारखंड पश्चिम बंगाल,
ओडिशा, पंजाब तथा हरियाणा सहित विभिन्न राज्यों में सामान्य जनजीवन पर असर
पडा. मुंबई में गणोश उत्सव के चलते इसका असर काफी कम रहा.
दिल्ली में अधिकतर बाजार बंद रहे. वाहनों का आवागमन सुचारु रहा, लेकिन कई
जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने यातायात जाम भी कर दिया. सुबह के समय राजधानी
में भोगल, लक्ष्मीनगर, डिफेंस कालोनी और साउथ एक्सटेंशन जैसे क्षेत्रों में
दुकानें खुली रहीं, जबकि खान मार्केट, कनॉट प्लेस, ग्रेटर कैलाश, करोल
बाग, चांदनी चौक और कश्मीरी बाजार जैसे बडे बाजार बंद रहे.
दिल्ली में तिपहिया रोजाना की तरह चले , लेकिन नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर
ऑटो चालकों ने प्रदर्शन किया और यात्रियों को ले जाने से इनकार कर दिया.
दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की बसें बडी संख्या में सडकों पर नजर आईं.
राजधानी में अधिकतर निजी स्कूल बंद रहे. विकास मार्ग पर कुछ समय के लिए
भाजपा समर्थकों ने वाहनों का आवागमन ठप कर दिया. पार्टी के एक प्रवक्ता ने
कहा कि पार्टी राजधानी में करीब 100 स्थानों पर प्रदर्शन करेगी.
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शहर में बडी संख्या में
पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. ‘‘हमने यह सुनिश्चित किया है कि प्रत्येक बडी
सडक पर पुलिस की मौजूदगी हो.’’ भाजपा और सपा कार्यकर्ताओं ने उत्तर प्रदेश
में कई स्थानों पर प्रदर्शन किए और ट्रेनों को रोक दिया.
मथुरा, आगरा, वाराणसी, इलाहाबाद और लखनऊ में ट्रेनें रोकी गईं.
आगरा-ग्वालियर राजमार्ग पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने जाम लगा दिया. आधिकारिक
सूत्रों ने लखनऊ में बताया कि राज्य की राजधानी सहित कई स्थानों पर बडे
बाजार बंद रहे.
खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के खिलाफ नारे लगाते हुए सपा कार्यकर्ताओं ने
लखनउ के सुल्तानपुर स्थित वालमार्ट स्टोर के बाहर प्रदर्शन किया. पार्टी
ने हजरतगंज में मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के बाहर भी प्रदर्शन किया.
समूचे महाराष्ट्र में मनाए जा रहे गणोश उत्सव के कारण मुंबई में बंद का
मामूली असर देखने को मिला. शिव सेना और महाराष्ट्र नव निर्माण सेना ने
उत्सव के मद्देनजर खुद को बंद से दूर रखने का फैसला किया है.उत्तर प्रदेश
के वाराणसी में भी कई जगहों पर दुकानें एवं व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे.
बिहार के भी कई हिस्सों में सडक और रेल यातायात पर असर पडा. भाजपा
कार्यकर्ताओं के एक समूह ने पटना जंक्शन पर रेल यातायात बाधित कर दिया और
लंबी दूरी की कई ट्रेनों तथा सवारी गाडियों को रोक दिया. अधिकारियों ने
बताया कि पश्चिम बंगाल में वाम दलों के 12 घंटे के बंद के चलते जनजीवन पर
असर पडा. हालांकि, हवाई अड्डा सेवाएं सामान्य रहीं लेकिन पूर्वी रेलवे और
दक्षिणी पूर्वी रेलवे के तहत रेल सेवा बाधित रही. रेलवे सूत्रों ने बताया
कि हावडा से समय पर चली हावडा-पुणे दूरंतो एक्सप्रेस को रुकवा दिया गया.
अधिकारियों के अनुसार कोलकाताकी जीवनरेखा कही जाने वाली मेट्रो रेल सेवा
सामान्य रही. हवाई अड्डा सूत्रों ने बताया कि कोलकाता हवाई अड्डे पर विमान
परिचालन सामान्य रहा. हालांकि, इंडिगो की दो उडानें-कोलकाता-नई दिल्ली और
कोलकाता-अगरतला रद्द कर दी गईं जिन्हें सुबह के समय रवाना होना था. ओडिशा
में भी बंद से जनजीवन पर असर पडा, लेकिन राज्य के पश्चिमी जिले इससे अछूते
रहे. कई जगहों पर भाजपा और वाम दलों ने रेल एवं सडक यातायात को अवरुद्ध कर
दिया. राज्य के सरकारी कार्यालय, बैंक और बीमा सेवा कार्यालय पश्चिमी जिलों
में मनाए जाने वाले पर्व ‘‘नुआखाई’’ के चलते बंद रहे. बंद का आह्वान करने
वालों ने इस त्यौहार से संबंधित गतिविधियों को बंद के दायरे से बाहर रखा
है. कर्नाटक में भी जनजीवन पर बंद का असर पडा. दुकानें एवं कार्यालय बंद
रहे. केवल दूध और चिकित्सा सेवा जैसी आवश्यक चीजें ही उपलब्ध रहीं. सभी
स्कूल कॉलेज बंद रहे. बेंगलूर स्थित सचिवालय सुनसान नजर आया, लेकिन उच्च
न्यायालय और निचली अदालतों में सामान्य दिनों की तरह काम हुआ. कांग्रेस
शासित राजस्थान में बंद का मिलाजुला असर रहा. जयपुर में बडे बाजार एवं
व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे. निजी बसों और तिपहियों के सडकों से दूर
रहने के कारण परिवहन सेवाओं पर आंशिक असर पडा. पंजाब और हरियाणा में भी बंद
ने सामान्य जनजीवन को प्रभावित किया. पंजाब राज्य परिवहन सेवा ने ऐहतियात
के तौर पर हरियाणा, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश जाने वाली लंबी दूरी की सेवाओं
को स्थगित रखा. हरियाणा परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हरियाणा में
परिवहन सेवाएं अब तक पूरी तरह सामान्य हैं.’’ उन्होंने कहा कि पंजाब जाने
वाली बस सेवाएं स्थगित कर दी गई हैं. चंडीगढ में बहुत से निजी स्कूल बंद
रहे. हरियाणा के फरीदाबाद सहित विभिन्न जगहों पर बहुत से निजी स्कूलों में
छुट्टी रही. इंडियन नेशनल लोकदल के कार्यकर्ताओं ने पुराना फरीदाबाद रेलवे
स्टेशन पर ट्रेनों का आवागमन ठप कर दिया. बंद के असर से मेघालय भी अछूता
नहीं रहा. राज्य की राजधानी शिलोंग में बंद के दौरान कामकाज में बाधा
पहुंचाने के कारण भाजपा समर्थकों को हिरासत में ले लिया गया. पूर्वी खासी
हिल्स के उपायुक्त संजय गोयल ने बताया कि भाजपा महासचिव दीपायन चक्रवर्ती
को 26 पार्टी समर्थकों के साथ पुलिस ने हिरासत में लिया है. ये सभी
दुकानदारों पर दुकानें बंद करने और सडकों से सार्वजनिक वाहन हटाने के लिए
दबाव डाल रहे थे. बैंक, बाजार, दुकानें और शैक्षणिक संस्थान बंद रहे.
सरकारी दफ्तरों में भी उपस्थिति कम रही. मणिपुर, त्रिपुरा और असम में भी
बंद का असर देखने को मिला. इस दौरान व्यावसायिक प्रतिष्ठान एवं शिक्षण
संस्थान बंद रहे. गोवा में बंद का मिलाजुला असर रहा, जबकि गुजरात में बंद
का जबर्दस्त असर देखने को मिला. गुजरात में दुकानें और व्यावसायिक
प्रतिष्ठान नहीं खुले तथा बंद काफी सफल रहा. खबरों में कहा गया है कि
सिक्किम में हालांकि, बंद का कोई असर नहीं पडा.
शीर्ष नेताओं की गिरफ्तारी हुई
खुदरा क्षेत्र में एफडीआई और डीजल मूल्य वृद्धि के खिलाफ राष्ट्रव्यापी
बंद के दौरान आज समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव और वामपंथी
नेता प्रकाश करात एवं ए बी वर्धन नेगिरफ्तारीदी. जंतर मंतर पर एसपी
नेताओं, चार वाम दलों, जेडी (एस), तेदेपा और बीजद ने संयुक्त रुप से
प्रदर्शन किया और संसद मार्ग की तरफ मार्च किया. इन सभी ने अपने समर्थकों
के साथ गिरफ्तारी दी. यादव, करात (माकपा ) और बर्धन (भाकपा ) तथा सीताराम
येचुरी (माकपा), तेदेपा के चंद्रबाबू नायडू और देवगौडा गिरफ्तारी देने
वालों में प्रमुख रहे. यादव ने कहा, ‘‘सरकार एक के बाद एक ऐसी नीतियां ला
रही हैं जिससे देशवासी प्रभावित हो रहे हैं. इन नीतियों में डीजल मूल्य
वृद्धि का सबसे ज्यादा प्रभाव किसानों पर पडा है.’’ यादव ने
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हम पूरे देश का भ्रमण करेंगे
और लोगों की समस्याओं को सुनेंगे और तब अपनी नीति का निर्णय करेंगे.’’ करात
ने आरोप लगाया कि सरकार एफडीआई निर्णय से व्यापारियों की नौकरियां लूटने
और इन्हें वालमार्ट जैसी कंपनियों के सुपुर्द करने का काम रही है. उन्होंने
कहा, ‘‘हम सरकार को यह बताना चाहते हैं कि एफडीआई पर उसकी नीतियां, डीजल
मूल्य वृद्धि और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाईयों में विनिवेश गलत है. जब तक
सरकार अपना फैसला वापस नहीं लेती और रोलबैक नहीं करती तब तक हमें इस आंदोलन
को जारी रखना होगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिए हम संसद के बाहर और अंदर
संघर्ष करेंगे. हम सरकार को उसके निर्णयों को वापस लेने के लिए मनाने की
कोशिश करेंगे. देशवासियों के लिए लडाई में हमें सहयोग देने के लिए मैं
मुलायम सिंह से आग्रह करता हूं.’’ नायडू ने कहा, ‘‘सरकार की नीतियां
‘‘गलत’’ हैं और कांग्रेस को इसे समझना होगा. ये सभी जनविरोधी नीतियां हैं
और इन्हें वापस लिए जाने की जरुरत है.’’ खुदरा में एफडीआई, डीजल मूल्य
वृद्धि और एलपीजी सिलेंडर को सीमित किए जाने के केंद्र सरकार के निर्णय के
खिलाफ राजग, वाम दलों और सपा ने राष्ट्रव्यापी बंद का आह्वान किया था.
बंद से हुआ आर्थिक नुकसान : सरकार
सरकार ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) से जुडे सुधारों के खिलाफ
देशव्यापी विरोध प्रदर्शन और बंद की आलोचना करते हुए इस विरोध के पीछे
शामिल दलों पर आर्थिक नुकसान करने का आरोप लगाया. सरकार ने इसके साथ ही
सुधारों से पीछे हटने की संभावनाओं को खारिज करते हुए स्पष्ट किया है कि
देश को व्यापक सुधारों की जरुरत है.
इस बीच वरिष्ठ मंत्रियों ने स्पष्ट किया है कि सरकार की स्थिरता को कोई
खतरा नहीं है भले ही तृणमूल कांग्रेस कल ही हट जाये और उसने नये सहयोगियों
की तलाश का संकेत दिया है. उन्होंने जोर देकर कहा है कि आठ गैर.संप्रग
दलों तथा राजग द्वारा आयोजित इस हडताल का आर्थिक नुकसान के अलावा और कोई
असर नहीं है. वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कहा, इस हडताल का शुद्ध प्रभाव बडा
आर्थिक नुकसान है.
अगर आप विरोध करते हैं, आपको इस तरीके से विरोध नहीं करना चाहिए कि
आर्थिक नुकसान हो. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने कहा कि सीमित
विरोध सही है लेकिन यह इतना नहीं होना चाहिए कि आम लोगों के हितों को
नुकसान पहुंचाने वाला हो जाये.