जगदलपुर. मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत होने वाले कार्य अब
तक रफ्तार नहीं पकड़ सके हैं। मुख्यमंत्री योजना की सड़कों के लिए महात्मा
गांधी रोजगार गारंटी योजना से राशि उपलब्ध कराई जा रही है। इसके बावजूद
कहीं वन क्षेत्र होने के कारण तो कहीं किसी और वजह से काम अटका हुआ है।
सुकमा जिले में तो सड़क बनाने से ग्रामीण ही इंकार कर रहे हैं। दो सालों
में मुख्यमंत्री सड़क योजना के तहत संभाग भर के 7 जिले में 157 कार्य को
मंजूरी दी गई थी। इन सड़कों के लिए मनरेगा से प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर
2897.08 लाख रुपए जारी किए गए हैं। इनमें से अब तक सिर्फ 38 लाख 58 हजार
रुपए ही खर्च हो सके हैं।
वर्ष 2011-12 में इस योजना के तहत बस्तर जिले में 10.53 किमी लंबी 4 सड़कें
बनाई जानी थी इनमें से एक सड़क लोक निर्माण विभाग बना रहा है। इसी तरह
कोंडागांव में 5, दंतेवाड़ा व नारायणपुर में 1, सुकमा में 2, बीजापुर में 3
और कांकेर में 7 सड़कों का निर्माण किया जाना था। जबकि इस साल सबसे ज्यादा
42 सड़कें बस्तर जिले के लिए स्वीकृत की गई हैं।
इनमें से 8 सड़कों का निर्माण शुरू ही नहीं हो पाया है। बेसोली से बोडनपाल
तक पहुंचने के लिए जगह उपलब्ध नहीं होने से सड़क स्थगित कर दी गई है।
कोंडागांव में 24 सड़कों में से 12 सड़कों का कार्य अधर में है। दंतेवाड़ा
में 2 सड़क अप्रारंभ हैं। सुकमा में स्वीकृत 9 सड़कों में से 7 सड़कों पर
मिट्टी का कार्य किया गया है जबकि दो के लिए जंगल सफाई के बाद कार्य बंद
है।
यहां ग्रामीण सड़क बनाने को तैयार नहीं हैं। मनरेगा के तहत कार्य की प्रगति
तो बताई जा रही है लेकिन अब तक सिर्फ कांकेर में ही 1.70 लाख रुपए खर्च
किए जा सके हैं। बीजापुर में सात में से एक सड़क का कार्य शुरू बताया गया
है। 5 सड़कों का कार्य अब भी शुरू नहीं हो सका है।