लगातार वर्षा से बिहार में बाढ़ का खतरा, सरकार ने जारी किया अलर्ट

पटना। लगातार
हो रही बारिश और नेपाल के तराई क्षेत्र से छोड़ जाने वाले पानी की वजह से
राज्य में बाढ़ का संकट गहरा गया है। सारी नदियां खतरे के निशान को छूने
लगी हैं। सोन, बागमती, कोसी, गंडक, घाघरा, महानंदा और गंगा नदी का लगातार
बढ़ता जलस्तर को देखते हुए जल संसाधन विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है।
विभाग ने अपने सभी अभियंताओं और पदाधिकारियों को मुस्तैदी बरतने और तटबंधों
पर पेट्रोलिंग तेज करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा बाढ़ संघर्षात्मक
बल को भी 24 घंटे तैयार रहने का निर्देश दिया है।

 

राजधानी में बाढ़ का खतरा : केंद्रीय
जल आयोग द्वारा प्राह्रश्वत आंकड़ों को सच माना जाए तो राजधानी में बाढ़
का खतरा बढ़ गया है। मंगलवार को पटना में गंगा गांधी घाट पर खतरे के निशान
से 35 सेमी. ऊपर और हाथीदह में खतरे के निशान से 80 सेमी ऊपर बह रही है। जल
आयोग ने अगले 24 घंटे में गंगा के जलस्तर में और वृद्धि की संभावना जताया
है।

 

पटना में स्थिति भयावह, घर दफ्तर जलमग्न : बारिश
ने पटना नगर निगम के दावों की पोल खोल दी है। रविवार और सोमवार को हुई
बारिश से जलजमाव की स्थिति विकट हो गई है। जलजमाव से सबसे ज्यादा परेशानी
कंकड़बाग के निवासियों को हुई। रेंटल फ्लैट, राजेंद्र नगर और आशियाना नगर
के निवासियों ने जाग कर बिताई।

 

लगाए गए अतिरिक्त पंप : मेयर

 

पटना
के मेयर अफजल इमाम ने बताया कि जल जमाव को देखते हुए सभी 36 पंप हाउस को
चालू रखा गया है। इस दौरान कई स्थानों पर अतिरिक्त पंप भी लगाए गए हैं।
कंकड़बाग से पानी निकल चुका है। राजेंद्र नगर और खेतान मार्केट में जमा
पानी जल्द ही निकल जाएगा। उन्होंने कहा कि निगम कर्मियों के प्रयास का ही
नतीजा है कि एक दिन में जलजमाव हटा दिया गया। जबकि पहले महीनों तक जलजमाव
बना रहता था।

 

कई घर कोसी नदी में बहे

 

वहीं,
सहरसा संवाददाता की रिपोर्ट के अनुसार, कोसी नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव
के बीच कटाव का सिलसिला जारी है। सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड के गिरधारी,
बलथरवा व ढोली गांव में कई घर नदी में समा गए हैं। विस्थापित लोग जैसे-तैसे
जीवन यापन कर रहे हैं। सबसे विकट स्थिति पशुओं की हो गई है। मवेशियों के
लिए चारा एक कठिन समस्या बनी हुई है। ढोली पंचायत के मुखिया सुरेश प्रसाद
सिंह ने कटाव की पुष्टि करते हुए बताया कि गिरधारी गांव के मो. उस्मान, मो.
ताजउद्दीन, मो. अख्तर, बलथरवा के अशोक राम, मो. इदरीस, ढोली के कमलेश्वरी
सादा, विद्यानंद सरदार, मुंगेरी राम आदि के घर नदी में विलीन हो गए हैं। अब
तक विस्थापितों को कोई भी राहत सामग्री उपलब्ध नहीं कराई गई है।

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