बेल्लारी….नयी दिल्ली, 15 सितंबर (एजेंसी) करीब 2500 करोड़ रूपये के अवैध
लौह अयस्क निर्यात घोटाले के सिलसिले में सीबीआई ने पांच मामले दर्ज किए और
जेल में बंद खनन उद्योगपति जी जनार्दन रेड्डी के सहयोगियों के परिसरों
सहित 17 स्थानों पर छापे मारे।
सीबीआई के सूत्रों ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के मुताबिक, जांच
एजेंसी ने पांच मामले दर्ज किए। साथ ही एजेंसी ने कंपनियों और निर्यातकों
के खिलाफ, करीब 50 लाख मीट्रिक टन लौह अयस्क की अवैध खुदाई और उसे कर्नाटक
के बेलकेरी बंदरगाह से निर्यात करने के सिलसिले में एक प्राथमिक जांच शुरू
की ।
न्यायालय ने सीबीआई को इस कथित घोटाले की जांच करने के आदेश दिए
थे। एजेंसी ने बेंगलूर, कारवाड़, होसपेट और गोवा में 17 जगहों पर छापे मारे।
सूत्रों
ने बताया कि सीबीआई के दस सदस्यीय दल ने कारापुड़ी महेश, स्वास्तिक नागराज
और सोमशेखर के आवासों पर छापे मारे। ये लोग एक ट्रांसपोर्ट कंपनी चलाते हैं
और जी जनार्दन रेड्डी के सहयोगी हैं।
उन्होंने बताया कि खनिज बहुल बेल्लारी जिले के सैंदूर तालुक में भी छापे मारे जा रहे हैं।
सूत्रों
के अनुसार, जिन कंपनियों के परिसरों की आज तलाशी ली गई उनमें आईसीएल
उद्योग, ड्रीम लॉजिस्टिक्स, एसबी लॉजिस्टिक्स, श्री मल्लिकार्जुन शिपिंग और
ग्रीनटेक्स इंडस्ट्रीज शामिल हैं।
उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक सरकार से जानना चाहा था कि विधि प्रवर्तन एजेंसियों, खासकर सीबी…सीआईडी को अपने
ही राज्य के वन क्षेत्र में लगभग 17 माह के दौरान इतने बड़े पैमाने पर हो
रही अवैध खुदाई और पांच लाख से अधिक ट्रकों का उपयोग कर बेलकेरी बंदरगाह तक
खनिजों के ले जाने की जानकारी कैसे नहीं थी।
आरोप है कि एक जनवरी 2009
से 31 मई 2010 के बीच लौह अयस्क बेलकेरी बंदरगाह ले जाया गया और विदेशी
कंपनियों, विशेष रूप से चीन तथा पाकिस्तान की कंपनियों को इसका निर्यात
किया गया।
उच्चतम न्यायालय ने एक केंद्रीय अधिकारिता समिति :सीईसी:
नियुक्त की जिसने लौह अयस्क की खुदाई और उसके निर्यात की गहन जांच किए जाने
की सिफारिश की।
सीईसी की 27 अप्रैल और छह सितंबर को दी गई दो रिपोर्ट
में यह पता लगाने के लिए जांच का सुझाव दिया गया कि कहीं विभिन्न
अनियमितताओं में अधिकारी तो संलिप्त नहीं हैं। रिपोर्ट में मनमाने तरीके से
निर्यात करने वालों, आपूर्तिकर्ताओं, ट्रांसपोर्टरों और अधिकारियों के
खिलाफ जांच के बाद कार्रवाई की भी सिफारिश की गई।
छह सितंबर की रिपोर्ट
में सीईसी ने सिफारिश की कि सीबीआई को एक जनवरी 2009 से 31 मई 2010 तक करीब
34 लाख टन लौह अयस्क के अवैध खनन, परिवहन, बिक्री, खरीदी, भंडारण,
निस्तारण के सभी पहलुओं की जांच की जानी चाहिए।
लौह अयस्क निर्यात घोटाले के सिलसिले में सीबीआई ने पांच मामले दर्ज किए और
जेल में बंद खनन उद्योगपति जी जनार्दन रेड्डी के सहयोगियों के परिसरों
सहित 17 स्थानों पर छापे मारे।
सीबीआई के सूत्रों ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के मुताबिक, जांच
एजेंसी ने पांच मामले दर्ज किए। साथ ही एजेंसी ने कंपनियों और निर्यातकों
के खिलाफ, करीब 50 लाख मीट्रिक टन लौह अयस्क की अवैध खुदाई और उसे कर्नाटक
के बेलकेरी बंदरगाह से निर्यात करने के सिलसिले में एक प्राथमिक जांच शुरू
की ।
न्यायालय ने सीबीआई को इस कथित घोटाले की जांच करने के आदेश दिए
थे। एजेंसी ने बेंगलूर, कारवाड़, होसपेट और गोवा में 17 जगहों पर छापे मारे।
सूत्रों
ने बताया कि सीबीआई के दस सदस्यीय दल ने कारापुड़ी महेश, स्वास्तिक नागराज
और सोमशेखर के आवासों पर छापे मारे। ये लोग एक ट्रांसपोर्ट कंपनी चलाते हैं
और जी जनार्दन रेड्डी के सहयोगी हैं।
उन्होंने बताया कि खनिज बहुल बेल्लारी जिले के सैंदूर तालुक में भी छापे मारे जा रहे हैं।
सूत्रों
के अनुसार, जिन कंपनियों के परिसरों की आज तलाशी ली गई उनमें आईसीएल
उद्योग, ड्रीम लॉजिस्टिक्स, एसबी लॉजिस्टिक्स, श्री मल्लिकार्जुन शिपिंग और
ग्रीनटेक्स इंडस्ट्रीज शामिल हैं।
उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक सरकार से जानना चाहा था कि विधि प्रवर्तन एजेंसियों, खासकर सीबी…सीआईडी को अपने
ही राज्य के वन क्षेत्र में लगभग 17 माह के दौरान इतने बड़े पैमाने पर हो
रही अवैध खुदाई और पांच लाख से अधिक ट्रकों का उपयोग कर बेलकेरी बंदरगाह तक
खनिजों के ले जाने की जानकारी कैसे नहीं थी।
आरोप है कि एक जनवरी 2009
से 31 मई 2010 के बीच लौह अयस्क बेलकेरी बंदरगाह ले जाया गया और विदेशी
कंपनियों, विशेष रूप से चीन तथा पाकिस्तान की कंपनियों को इसका निर्यात
किया गया।
उच्चतम न्यायालय ने एक केंद्रीय अधिकारिता समिति :सीईसी:
नियुक्त की जिसने लौह अयस्क की खुदाई और उसके निर्यात की गहन जांच किए जाने
की सिफारिश की।
सीईसी की 27 अप्रैल और छह सितंबर को दी गई दो रिपोर्ट
में यह पता लगाने के लिए जांच का सुझाव दिया गया कि कहीं विभिन्न
अनियमितताओं में अधिकारी तो संलिप्त नहीं हैं। रिपोर्ट में मनमाने तरीके से
निर्यात करने वालों, आपूर्तिकर्ताओं, ट्रांसपोर्टरों और अधिकारियों के
खिलाफ जांच के बाद कार्रवाई की भी सिफारिश की गई।
छह सितंबर की रिपोर्ट
में सीईसी ने सिफारिश की कि सीबीआई को एक जनवरी 2009 से 31 मई 2010 तक करीब
34 लाख टन लौह अयस्क के अवैध खनन, परिवहन, बिक्री, खरीदी, भंडारण,
निस्तारण के सभी पहलुओं की जांच की जानी चाहिए।