नयी दिल्ली, 16 सितंबर (एजेंसी) मल्टी ब्रांड खुदरा क्षेत्र में
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश :एफडीआई: और डीजल की कीमतों में वृद्धि पर सरकार और
विपक्ष में तानातनी के बीच जद यू ने आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को आड़े
हाथों लेते हुए कहा कि इस खतरनाक कदम पर सरकार को जाना होगा।
सरकार की नीतियों के खिलाफ गैर संप्रग दलों के 20 सितंबर को समन्वित
विरोध प्रदर्शन का दावा करते हुए जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि इसकी
परिणति सरकार को सत्ता से हटाने के रूप में होगी।
उन्होंने विश्वास
व्यक्त किया कि संप्रग की घटक तृणमूल कांग्रेस और उसे बाहर से समर्थन देने
वाली बहुजन समाज पार्टी भी सरकार के इन कदमों का समर्थन नहीं करेगी।
सरकार के इस कदम की तुलना आपातकाल से करते हुए शरद ने कहा कि इंदिरा गांधी को आपातकाल के दौरान लगायी गई
पाबंदी को दो वर्ष बाद हटाना पड़ा। ‘‘ मनमोहन सिंह कारोडों भारतीयों के
रोजगार के अवसर बंद करने की कोशिश कर रहे हैं और मल्टी ब्रांड खुदरा
क्षेत्र के एक बार खुलने के बाद इस पाबंदी को नहीं हटाया जा सकता है।’’
प्रधानमंत्री
पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह ने विश्व बैंक के लिए
काम किया है, उन्हें विश्व बैंक के पास ही जाना चाहिए। इसी प्रकार से
मोंटेक सिंह आहलुवालिया को भी विश्व बैंक के पास जाना चाहिए।
जद यू अध्यक्ष ने संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी से प्रधानमंत्री, आहलुवालिया और वित्त मंत्री पी चिदंबरम से निजात पाने की अपील की।