FDI के विरोध में सपा-बसपा, माया ले सकती हैं कड़ा फैसला

लखनऊ.
रिटेल में  एफडीआई  के मुद्दे पर यूपी की दोनों मुख्य पार्टियां,
सत्ताधारी सपा और प्रमुख विपक्षी बसपा केंद्र की यूपीए सरकार के खिलाफ हैं।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा की केंद्र के इस फैसले पर यूपीए को दिए जा
रहे समर्थन पर अगले महीने पुनर्विचार करेंगी।

 
वहीं, मुख्यमंत्री
अखिलेश यादव ने कहा कि केंद्र सरकार को दिए जा रहे समर्थन पर आगे का फैसला
पार्टी मुखिया मुलायम सिंह ही करेंगे।  उन्होंने ये साफ़ कर दिया की किसी
भी हालत में सूबे में रिटेल में ऍफ़डीआई को नहीं आने दिया जाएगा, क्योंकि
इससे छोटा दुकानदार और किसान दोनों ही प्रभावित होंगे. पूर्व बसपा सरकार पर
आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि एफडीआई को पूर्व में बढ़ावा दिया था।  

 
पत्रकारों
से बात करते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने केंद्र के फैसले को जनविरोधी
बताते हुए सरकार से इस पर पुनर्विचार करने की मांग की। उन्होने केंद्र को
चेतावनी दी की अगर केंद्र ने अपने फैसले पर पुनर्विचार नहीं किया तो वह
अगले महीने की 9-10 तारीख को लखनऊ में आयोजित पार्टी के सम्मेलन मे सरकार
को समर्थन जारी रखने पर फिर से फैसला लेगी। डीज़ल के दामो में बढ़ोतरी के
बारे में कहा की ये जनता के खिलाफ फैसला है, इसका सबसे बुरा असर गरीबों पर
ही होगा।  

 
अखिलेश ने अपनी सरकार की छह महीने की उपलब्धियां
गिनाते हुए कहा की सपा हमेशा से रिटेल में एफडीआई के खिलाफ रही है। इसे
यूपी में नहीं लागू होने दिया जाएगा। डीज़ल के दामों में बढ़ोतरी के मामले
पर भी उन्होंने कहा की पार्टी ऐसे फैसलों का लोक सभा में विरोध करती रही
है, लेकिन सरकार को जारी पार्टी के समर्थन पर फैसला नेताजी ही करेंगे।
यूपीए सरकार को सपा का समर्थन सांप्रदायिक शक्तियों को सत्ता से दूर रखने
के लिए है।

 

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