नई दिल्ली. राज्य सरकारों की लापरवाही के कारण देश में मलेरिया,
डेंगू और चिकनगुनिया के मामले बढ़ रहे हैं। मच्छरों से संबंधित बीमारियों
को रोकने में सबसे अहम भूमिका जीवविज्ञानी (एंटोमोलॉजिस्ट) निभाते हैं।
लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पूरे देश में इनकी
संख्या बेहद कम है। सबसे खराब हालत मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और
राजस्थान में है। मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया के सबसे ज्यादा प्रभावित
यही राज्य हैं।
पिछले साल ही देश में 13 लाख से ज्यादा लोग मलेरिया की चपेट में आए, इनमें
से 463 की मौत हो गई। दैनिक भास्कर को मिले दस्तावेज के अनुसार राज्य स्तर
पर लगभग 30 जीवविज्ञानी होने चाहिए। लेकिन पिछले 10 सालों में सिर्फ 11
राज्यों में ही जीव-विज्ञानियों की तैनाती हो सकी है। जोनल स्तर पर 79
जीवविज्ञानी होने चाहिए। लेकिन सिर्फ 41 ही नियुक्त हुए हैं। केंद्रीय
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव राजेंद्र एस. शुक्ला ने बताया,
‘ज्यादातर राज्यों में मच्छरों से होने वाली बीमारियों को नहीं रोक पाने का
प्रमुख कारण इन वैज्ञानिकों की तैनाती न होना है। केंद्र इसके लिए राज्यों
को मदद देने को तैयार है। लेकिन राज्य दिलचस्पी नहीं दिखा रहे।’