नई दिल्ली. कोयला आवंटन के मुद्दे पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर पूछा है कि सरकार अवैध
आवंटन और आवंटन की शर्ते तोड़ने वाले लाभार्थियों के खिलाफ क्या कार्रवाई
करेगी।
सभी 194 कोयला ब्लॉकों के आवंटन को रद्द करवाने के लिए दायर की गई
जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कोयला सचिव को नोटिस
जारी कर 6 सवालों के जवान मांगे है।
सुप्रीम कोर्ट के नोटिस में सरकार से पूछा गया है कि,
कोयला ब्लॉक आवंटन के लिए नीलामी क्यों नहीं करवाई गई?
कोयला आवंटन के लिए निर्धारित गाइडलाइनें क्या थीं और क्या आवंटन के वक्त उनमें से किसी को बदला गया या नजरअंदाज किया गया?
अनियमित तौर पर खदान पाने वाले अधिकतर लोग नेता या फिर नेताओं के रिश्तेदार क्यों हैं?
क्या निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए आवंटन के लिए तय की गई गाइडलाइनों को नजरअंदाज किया?
क्या मौजूदा आवंटन से सरकार का कोयला ब्लॉक आवंटित करने का उद्देश्य, जिस पर कैग ने सवाल उठाए हैं, पूरा हुआ?
उपरोक्त सवाल पूछते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कोयला सचिव से आठ सप्ताह
के भीतर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। इसी बीग गुरुवार को कोयला मंत्रालय
ने चार ब्लाकों का आवंटन रद्द करने का फैसला लिया है।