जयपुर.राज्य के सरकारी स्कूलों में बच्चों को तनाव मुक्त
(स्ट्रेस फ्री) रखने के लिए अब मुस्कान योग कराया जाएगा। यह छठी से दसवीं
के बच्चों के लिए होगा। शिक्षा विभाग योग के लिए शारीरिक शिक्षकों को
प्रशिक्षण देगा। कई शिक्षकों के लिए यह ट्रेनिंग हो चुकी है और ये शिक्षक
स्कूलों के लिए की-पर्सन तैयार करेंगे।
जयपुर के बजाज सीनियर
सैकंडरी स्कूल, रेजीडेंसी स्कूल (राजभवन) और हथरोई स्कूल में इसे पायलट
प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया। इसके अलावा स्वास्थ्य एवं शारीरिक
शिक्षा के तहत योग के वैकल्पिक विषय के पाठ्यक्रम का प्रारूप भी तैयार कर
लिया गया। इसे जल्द ही सरकार को अनुमति के लिए भेजा जाएगा।
शिक्षा
विभाग में योग सलाहकार हरिसिंह सोलंकी ने बताया कि योग शिक्षा के तहत ही
मुस्कान योग का कांसेप्ट तैयार किया गया। यह विशेषकर शहरी क्षेत्र के
छात्रों पर फोकस रहेगा। ये छात्र ग्रामीण छात्रों की तुलना में अपेक्षाकृत
जल्द दबाव के शिकार हो जाते हैं। इसे तैयार करने में राजस्थान कमिटी ऑफ
स्कूल हैल्थ एंड योग की भी अहम भूमिका रही है।
सामान्य और मुस्कान योग में यह है फर्क
सामान्य योग आसन की विभिन्न मुद्राओं में होता है, लेकिन मुस्कान योग सहज
स्थिति में होता है। इसमें दोनों कानों में उंगलियां डालकर नाक से भंवरे सी
आवाज निकाली जाती है और शरीर को झुमाया जाता है। यह ऐसी क्रिया है जो
एक-दूसरे को देखकर चेहरे पर सहज मुस्कान तैरने लगती है। सोलंकी का कहना है
कि पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुने गए स्कूलों में इसके अच्छे परिणाम आए
हैं और यह योग प्रार्थना सभा के दौरान कराया जाता है।
एंडोर्फिन हार्मोन के छूटने से तरोताजा बना रहता है मूड
सोलंकी
बताते हैं कि इस योग प्रक्रिया में योग के दौरान चेहरे पर हर वक्तमुस्कान
सहज ही मुस्कान बनी रहती है। मस्तिष्क में पीनल ग्रंथि होती है, जो
एंडोर्फिन हार्मोन छोड़ती है जिससे खुशमिजाजी का मूड बनता है। यह तरोताजा
बनाए रखता है।