कंपनी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने गुरुवार को घोषणा की थी कि मानेसर प्लांट में 21 अगस्त से कामकाज फिर से चालू हो जाएगा। संयंत्र में 18 जुलाई को हिंसा हुई थी। तीन दिन बाद इसे बंद कर दिया गया। हिंसा की घटना में जनरल मैनेजर एचआर अवनीश कुमार देव (50) की मौत हो गई थी, जबकि 100 के करीब लोग घायल हो गए थे।
कंपनी ने इस हिंसा के आरोप में 546 स्थायी श्रमिकों को बर्खास्तगी का नोटिस जारी किया है। भार्गव ने कहा कि कंपनी के सामने कर्मचारियों की सुरक्षा सबसे बड़ी चिंता है। इसलिए हिंसा में शामिल श्रमिकों को वापस नहीं लिया जाएगा। ऐसे श्रमिक जो अच्छे बर्ताव का आश्वासन नहीं देंगे उन्हें भी काम पर नहीं लिया जाएगा। (संजय गांधी के सपनों की मारुति का सफरनामा, जानिए कैसे हुई शुरुआत?)
घर से प्लांट तक सुरक्षा
घर से लेकर संयंत्र तक और रास्ते में भी कर्मचारियों को सुरक्षा।
संयंत्र के आसपास हरियाणा रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) के 500 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे।
इनमें से 100 पुलिसकर्मी हर शिफ्ट में प्लांट के अंदर रहेंगे।
मैनेजरों, सुपरवाइजरों आदि की सुरक्षा के लिए 40 पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर उपलब्ध कराए जाएंगे।
इसके अलावा संयंत्र परिसर में 100 निजी सुरक्षाकर्मियों को भी तैनात किए जाएगा। ये पूर्व सैन्यकर्मी होंगे।
मारुति मैनेजमेंट के खिलाफ आज सड़कों पर उतरेंगे मजदूर
नई दिल्ली.मारुति सुजुकी के मानेसर संयंत्र के निकाले गए कर्मचारी गुस्से में हैं। उन्होंने आंदोलन की धमकी दी है। वे शुक्रवार को गुड़गांव में रैली निकालने वाले हैं। प्लांट के मारुति कामगार यूनियन के महासचिव कुलदीव कुमार ने 546 श्रमिकों को निकालने के कंपनी फैसले को गलत ठहराया है। उनका कहना है कि एक बारगी इतने श्रमिकों के सड़क पर आने से औद्योगिक अशांति को बढ़ावा मिलेगी। उधर, सीटू के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष सतवीर सिंह का कहना है कि श्रमिकों का आक्रोश शुक्रवार को रैली में नजर आएगा।