कांग्रेस
महासचिव राहुल गांधी ने मनमोहन सरकार के मंत्री के रूप में नई पारी शुरू
करने की पूरी तैयारी कर ली है। इस बात की पूरी संभावना है कि वे रक्षा,
मानव संसाधन या ग्रामीण विकास मंत्रालय संभाल सकते हैं। 42 वर्षीय राहुल
जल्द ही नई जिम्मेदारी संभालेंगे। मनमोहन सरकार में विस्तार और फेरबदल
सितंबर के दूसरे सप्ताह में होने की संभावना है। संसद का मानसून सत्र भी इस
समय तक खत्म हो जाएगा। साथ ही ज्योतिष में आस्था रखने वाले कांग्रेस
नेताओं के हिसाब से भी यह वक्त माकूल है। राहुल गांधी की भूमिका सरकार में
क्या होती है, इसके जवाब में सूत्रों ने बताया कि उन्हें रक्षा या मानव
संसाधन विकास मंत्री के तौर पर शामिल किया जा सकता है। अगर राहुल रक्षा
मंत्री बनते हैं तो पार्टी की नीति निर्धारण कमेटी यानी कोर गु्रप में भी
वह शामिल होंगे और इस मंत्रालय का मंत्री विवादों से भी परे है। अगर वे
मानव संसाधन मंत्री बनते हैं तो ज्यादा से ज्यादा शिक्षा संस्थानों में
जाएंगे और युवा सोच को आगे बढ़ाने का पार्टी को मौका मिलेगा। इसी तरह अगर
वह ग्रामीण विकास की राह पकड़ते हैं तो महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण
रोजगार गारंटी योजना, जिसमें वे खासी रुचि रखते हैं, को भी नया आयाम मिल
सकता है। साथ ही एआईसीसी में महासचिव भी वह बने रहेंगे यानी राहुल अब एक
साथ कई पारियों की शुरुआत कर सकते हैं।
महासचिव राहुल गांधी ने मनमोहन सरकार के मंत्री के रूप में नई पारी शुरू
करने की पूरी तैयारी कर ली है। इस बात की पूरी संभावना है कि वे रक्षा,
मानव संसाधन या ग्रामीण विकास मंत्रालय संभाल सकते हैं। 42 वर्षीय राहुल
जल्द ही नई जिम्मेदारी संभालेंगे। मनमोहन सरकार में विस्तार और फेरबदल
सितंबर के दूसरे सप्ताह में होने की संभावना है। संसद का मानसून सत्र भी इस
समय तक खत्म हो जाएगा। साथ ही ज्योतिष में आस्था रखने वाले कांग्रेस
नेताओं के हिसाब से भी यह वक्त माकूल है। राहुल गांधी की भूमिका सरकार में
क्या होती है, इसके जवाब में सूत्रों ने बताया कि उन्हें रक्षा या मानव
संसाधन विकास मंत्री के तौर पर शामिल किया जा सकता है। अगर राहुल रक्षा
मंत्री बनते हैं तो पार्टी की नीति निर्धारण कमेटी यानी कोर गु्रप में भी
वह शामिल होंगे और इस मंत्रालय का मंत्री विवादों से भी परे है। अगर वे
मानव संसाधन मंत्री बनते हैं तो ज्यादा से ज्यादा शिक्षा संस्थानों में
जाएंगे और युवा सोच को आगे बढ़ाने का पार्टी को मौका मिलेगा। इसी तरह अगर
वह ग्रामीण विकास की राह पकड़ते हैं तो महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण
रोजगार गारंटी योजना, जिसमें वे खासी रुचि रखते हैं, को भी नया आयाम मिल
सकता है। साथ ही एआईसीसी में महासचिव भी वह बने रहेंगे यानी राहुल अब एक
साथ कई पारियों की शुरुआत कर सकते हैं।