भोपाल. प्रदेश में बाढ़ के कारण बिगड़े हालात व आपदा से निपटने
के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्र सरकार से 525 करोड़ रुपए
की आर्थिक सहायता मांगी है। शनिवार को दिल्ली में मुख्यमंत्री ने
प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से उनके निवास पर मुलाकात की और प्रदेश की
स्थिति से अवगत कराया। मुख्यमंत्री के मुताबिक प्रधानमंत्री ने मप्र को मदद
का आश्वासन दिया है।
चौहान ने बताया कि अभी जो आंकलन किया गया है,
उसके मुताबिक प्रदेश के 11 जिलों भोपाल, होशंगाबाद, हरदा, रायसेन, विदिशा,
सीहोर, उज्जैन, देवास, खंडवा, खरगौन व धार में जुलाई के अंतिम व अगस्त के
प्रथम सप्ताह में लगातार बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति निर्मित हो गई है।
इससे जान-माल व सड़कों के साथ फसलों का भी नुकसान हुआ है। खासतौर पर
सोयाबीन की फसल बर्बाद हुई है।
प्रधानमंत्री से चर्चा में
मुख्यमंत्री ने यह मसला भी उठाया कि हाल ही में खाद की कीमतों में वृद्धि
होने से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसे वापस लिया जाना
चाहिए। खासतौर पर मुख्यमंत्री ने डीएपी व पोटाश की कीमतें कम करने की मांग
की।
मप्र के बासमती को मान्यता दी जाए
मुख्यमंत्री ने
शनिवार को ही केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा से मुलाकात कर
प्रदेश के बासमती चावल को एपीडा (एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड
प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी) की मान्यता दिए जाने का आग्रह
किया। चौहान ने बताया कि गजेटियर और आजादी के पहले के दस्तावेजों के अनुसार
यह स्थापित हो जाता है कि बासमती चावल प्रदेश में हरियाणा और पंजाब से
काफी पहले से पैदा किया जा रहा है। प्रदेश में 60 हजार हेक्टेयर से अधिक
भूमि में यह किस्म की पैदावार की जा रही है।